नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के स्कूलों में बम की धमकी भरे ईमेल्स भेजने के मामले का खुलासा कर लिया है। पुलिस ने इस मामले में 12वीं कक्षा के एक छात्र को गिरफ्तार किया है। काउंसलिंग के दौरान छात्र ने बताया कि वह स्कूल में परीक्षा नहीं देना चाहता था, इसलिए उसने यह धमकी भरे ईमेल भेजे थे। छात्र ने यह भी बताया कि वह बाकी स्कूलों को ईमेल के ‘CC’ में रखता था, ताकि किसी को भी शक न हो। DCP साउथ अंकित चौहान ने बताया कि छात्र ने स्वीकार किया कि उसने पहले भी इस तरह के धमकी भरे ईमेल भेजे थे।
धमकी भरे ईमेल भेजने के पीछे का उद्देश्य
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने शुरुआती जांच में बताया कि दिल्ली के कम से कम तीन स्कूलों को बम की धमकी भरे ईमेल उनके ही छात्रों द्वारा भेजे गए थे। इन छात्रों का उद्देश्य था कि परीक्षाएं स्थगित कर दी जाएं। अधिकारियों के मुताबिक, काउंसलिंग के दौरान दोनों छात्रों ने यह खुलासा किया कि उन्हें पहले की बम धमकी वाली घटनाओं से प्रेरणा मिली थी। बाद में दोनों छात्रों के अभिभावकों को चेतावनी देने के बाद उन्हें जाने दिया गया।
स्कूलों को धमकी देने वाले छात्र और घटनाओं का सिलसिला
अधिकारियों ने बताया कि रोहिणी और पश्चिम विहार स्थित 2 और स्कूलों को भी उनके छात्रों ने ही धमकी भरे ईमेल भेजे थे। इन धमकियों के कारण स्कूलों में अफरातफरी मच गई और उनका समय बर्बाद हुआ। पिछले साल दिसंबर में एक ईमेल के जरिए 100,000 डॉलर की मांग की गई थी, साथ ही यह धमकी दी गई थी कि बम ’72 घंटों के भीतर’ फट जाएंगे।
धमकियों का सिलसिला और समय
धमकियों का सिलसिला 9 दिसंबर को शुरू हुआ था, जब 44 स्कूलों को धमकी भरे ईमेल मिले थे। इसके बाद 13 दिसंबर को 30 स्कूलों को इसी तरह की धमकियों का सामना करना पड़ा और 14 दिसंबर को 8 संस्थानों को निशाना बनाया गया। 14 दिसंबर की घटना में भेजने वाले ने विशेष रूप से ‘बम जैकेट’ का उल्लेख किया था। इस साल मई से, 50 से अधिक बम की धमकी वाले ईमेल ने केवल स्कूलों को ही नहीं, बल्कि दिल्ली के अस्पतालों, हवाई अड्डों और एयरलाइन कंपनियों को भी निशाना बनाया है।