सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) है, जो एक सेक्सुअली ट्रांसमिटेड वायरस है। यह वायरस शरीर में लंबे समय तक रहने से कैंसर का कारण बन सकता है। हालांकि, हर HPV इन्फेक्शन कैंसर का रूप नहीं लेता, लेकिन यह संक्रमण महिलाओं में इस बीमारी के बढ़ने का प्रमुख कारण है।
भारत में महिलाएं क्यों होती हैं सर्वाइकल कैंसर का ज्यादा शिकार?
- जानकारी की कमी: भारत में अधिकांश महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर और इसके कारणों के बारे में सही जानकारी नहीं होती। वे HPV इन्फेक्शन और पैप स्मीयर टेस्ट के बारे में अंजान रहती हैं।
- स्वास्थ्य जांच की कमी: छोटे शहरों में महिलाओं की नियमित स्वास्थ्य जांच नहीं होती और पैप स्मीयर टेस्ट और HPV वैक्सीन की सुविधा भी हर जगह उपलब्ध नहीं होती।
- साफ-सफाई का अभाव: कई महिलाओं को वजाइना की साफ-सफाई के सही तरीके नहीं पता होते हैं। गंदे कपड़े या सैनिटरी पैड का बार-बार उपयोग करने से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव के उपाय (प्रिवेंशन):
- HPV वैक्सीन लगवाएं: यह वैक्सीन सर्वाइकल कैंसर के खतरे को 70% तक कम कर सकती है। 9 से 26 साल की उम्र की लड़कियों को यह वैक्सीन जरूर लगवानी चाहिए।
- पैप स्मीयर टेस्ट करवाएं: हर महिला को 21 साल की उम्र के बाद हर 3 साल में पैप स्मीयर टेस्ट करवाना चाहिए। इससे कैंसर की शुरुआती स्टेज पर पहचान संभव है।
- शारीरिक सफाई का ध्यान रखें: वजाइना की सफाई के लिए साफ पानी का उपयोग करें और सैनिटरी पैड का सही तरीके से प्रयोग करें। यह इन्फेक्शन को रोकने में मदद करता है।
निष्कर्ष:
सर्वाइकल कैंसर एक खतरनाक बीमारी है, लेकिन यदि महिलाएं समय पर जांच कराती हैं, HPV वैक्सीन लगवाती हैं और अपनी शारीरिक सफाई का ध्यान रखती हैं, तो इससे बचाव संभव है। इस बीमारी से बचने के लिए महिलाओं को ज्यादा सतर्क और सावधान रहने की जरूरत है।