महंत रवींद्र पुरी का मुसलमानों को लेकर विवादित बयान, महाकुंभ मेले में दुकानें लगाने पर जताई आपत्ति

Mahant Ravindra Puri's controversial statement about Muslims, raised objection on setting up shops in Maha Kumbh Mela

लखनऊ: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के प्रमुख महंत रवींद्र पुरी ने हाल ही में मुसलमानों के बारे में एक विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि “मुसलमानों से कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन वे प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान दुकानें नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि वे हमारे धर्म को भ्रष्ट कर देंगे।” महंत ने यह भी कहा कि मुसलमानों को किराने, जूस की दुकानें, खाने के स्टॉल और चाय की दुकानें नहीं लगानी चाहिए, क्योंकि उनका मानना है कि वे जानबूझकर भोजन पर थूकते हैं। इस बयान के बाद विभिन्न समुदायों के बीच विवाद उठ सकता है।

महाकुंभ मेले में हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल
महंत रवींद्र पुरी ने महाकुंभ मेले में हिंदू-मुस्लिम एकता का उदाहरण भी पेश किया। उन्होंने बताया कि महाकुंभ के दौरान निरंजनी अखाड़े की छावनी में मुस्लिम बैंड भी शामिल थे, जो एकता और सद्भाव का प्रतीक था। इसके अलावा, महंत ने यह भी उल्लेख किया कि महाकुंभ की तैयारियों में एक मुस्लिम ठेकेदार ने मठ निर्माण का काम किया, जो धार्मिक सौहार्द और सहयोग की मिसाल पेश करता है।

इकबाल अहमद का प्रतिक्रिया
महाकुंभ मेले के उत्सव में शामिल होने के बारे में आजाद बैंड के मालिक इकबाल अहमद ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि “महाकुंभ मेले के उत्सव में भाग लेना उनके लिए गर्व की बात है।” महाकुंभ मेला हर 12 साल में आयोजित होता है, और इस बार 13 जनवरी को शुरू होकर 26 फरवरी तक चलेगा।

विवाद और सुलह की दिशा
महंत रवींद्र पुरी का बयान जहां एक ओर समुदायों के बीच विवाद उत्पन्न कर सकता है, वहीं दूसरी ओर इकबाल अहमद का बयान हिंदू-मुस्लिम एकता और सौहार्द की दिशा में एक सकारात्मक उदाहरण पेश करता है। महाकुंभ मेला धार्मिक एकता का प्रतीक बना हुआ है, और उम्मीद की जाती है कि इस आयोजन के दौरान विभिन्न समुदाय एक-दूसरे के प्रति समझ और सम्मान बनाए रखेंगे।

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