वाशिंगटन: पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर आरोप था कि उन्होंने एक अश्लील फिल्मों की अभिनेत्री को चुप रहने के लिए धन दिया और इसे अपने व्यापारिक रिकॉर्ड में गलत तरीके से दर्शाया। मई 2024 में उन्हें दोषी पाया गया, लेकिन उन्हें सजा के रूप में जेल या जुर्माने की कोई सजा नहीं दी गई। इसका कारण यह था कि ट्रंप राष्ट्रपति पद के निर्वाचित हो चुके थे, और संविधान के अनुसार इस पद पर रहते हुए उन्हें अदालती कार्यवाही से छूट मिलती है।
अदालत का अनोखा फैसला: न्यूयॉर्क के जज जुआन मर्चन ने ट्रंप को सजा सुनाते हुए इसे ‘असामान्य और अद्वितीय परिस्थितियों’ का मामला बताया। जज के अनुसार, राष्ट्रपति पद के संवैधानिक संरक्षण के कारण ट्रंप को जेल भेजना या कोई अन्य सजा देना संभव नहीं था। यदि ट्रंप राष्ट्रपति न होते, तो उन्हें चार साल की सजा मिल सकती थी।
सजा से पहले ट्रंप का बयान: सजा सुनने से पहले ट्रंप ने इसे अपने खिलाफ एक “राजनीतिक साजिश” करार दिया। उन्होंने कहा कि इस मामले का उद्देश्य उनकी छवि को नुकसान पहुंचाना और आगामी चुनाव में उन्हें हराना था। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि यह अनुभव उनके लिए बेहद कठिन रहा है। अदालत में गवाहों ने खुलासा किया कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले ट्रंप ने अपनी व्यक्तिगत संबंधों को छुपाने के लिए धन का इस्तेमाल किया था।
20 जनवरी को शपथ लेंगे ट्रंप: यह सजा 10 जनवरी को सुनाई गई और दस दिन बाद, 20 जनवरी को ट्रंप अपना दूसरा राष्ट्रपति पद ग्रहण करेंगे। यह मामला न केवल अमेरिकी न्याय प्रणाली पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि राजनीति और कानून में किस प्रकार के विरोधाभास हो सकते हैं।
ट्रंप की यह वापसी उनके समर्थकों के लिए उत्साहजनक और आलोचकों के लिए चिंताजनक है। यह मामला यह दर्शाता है कि राजनीति में शक्ति और प्रभाव किस हद तक न्याय प्रक्रिया को प्रभावित कर सकते हैं।