कौन हैं भगवान कल्कि? कलियुग में कब और कहां लेंगे जन्म? भविष्य पुराण में छिपा है रहस्य

Who is Lord Kalki? When and where will he take birth in Kaliyug? The mystery is hidden in Bhavishya Purana

कलियुग में भगवान कल्कि का अवतार
धर्म शास्त्रों के अनुसार, जब भी धरती पर बुराई और अधर्म अपने चरम सीमा पर पहुंच जाता है, तब उसे समाप्त करने के लिए भगवान अवतार लेते हैं। कलियुग में भी भगवान विष्णु का 10वां अवतार कल्कि के रूप में धरती पर होगा, जो बुराईयों का अंत करेंगे।

कौन हैं भगवान कल्कि?
धर्म ग्रंथों में भगवान विष्णु के दस अवतारों का वर्णन किया गया है, जिनमें से 9 अवतार पहले ही धरती पर जन्म ले चुके हैं, और अब केवल दसवां अवतार यानी भगवान कल्कि का जन्म बाकी है। कल्कि भगवान विष्णु के 10वें अवतार के रूप में धरती पर आएंगे और धर्म ग्रंथों में उनके जन्म को लेकर कई महत्वपूर्ण संकेत दिए गए हैं।

कब जन्म लेंगे भगवान कल्कि?
मत्स्य पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का अवतार कलियुग के अंतिम चरण में होगा। इसका मतलब यह है कि जब कलियुग समाप्त होने वाला होगा, तब भगवान कल्कि के रूप में धरती पर अवतार लेंगे। उनका जन्म कलियुग के अंत और सतयुग के आरंभ के बीच संधि काल में होगा, यानी दोनों युगों के संक्रमणकाल में।

कहां होगा भगवान कल्कि का जन्म?
भविष्य पुराण के अनुसार, भगवान कल्कि का जन्म उत्तर प्रदेश के संभल जिले में एक विष्णु भक्त ब्राह्मण परिवार में होगा। उनका जन्म सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा। कहा जाता है कि भगवान कल्कि सफेद घोड़े पर सवार होकर आएंगे, और उनका घोड़ा देवदत्त होगा, जिसे लेकर वे दुष्टों का नाश करेंगे।

64 कलाओं से होंगे परिपूर्ण
हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार, भगवान कल्कि 64 कलाओं से परिपूर्ण होंगे। वे हाथ में तीरकमान लेकर धरती पर धर्म की स्थापना करेंगे। कल्कि का जन्म कलियुग के अंत में होगा, और कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्षों का होगा। वर्तमान में हम कलियुग के पहले चरण में हैं, जिसमें 5126 वर्ष बीत चुके हैं और अभी भी 426875 वर्ष बाकी हैं।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारी सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं। इसके लिए किसी विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होगा।

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