नई दिल्ली: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी को पुणे की एक विशेष अदालत से मानहानि मामले में जमानत मिल गई है। यह मामला वीर सावरकर पर दिए गए एक बयान से जुड़ा है, जिसे लेकर वीर सावरकर के पोते ने 2023 में अदालत में शिकायत दर्ज कराई थी। शुक्रवार को राहुल गांधी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अदालत में पेश हुए और अदालत ने उन्हें 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दे दी। इसके साथ ही अदालत ने उन्हें निर्देश दिया कि जब तक मामला चल रहा है, वह सावरकर पर किसी भी प्रकार की टिप्पणी करने से बचें।
सावरकर के खिलाफ राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने सावरकर के हिंदुत्व विचारधारा पर सवाल उठाए थे, और यह बयान उन्होंने ब्रिटेन में एक सभा के दौरान दिया था। सावरकर के परिवार ने इसे तथ्यों के खिलाफ और अपमानजनक बताया, जिसके बाद सावरकर के पोते सत्यकि सावरकर ने अदालत में मामला दायर किया। इस बयान के बाद सावरकर के समर्थकों ने इसे व्यक्तिगत और सांस्कृतिक अपमान के रूप में देखा, और यह मामला राजनीति में व्यापक चर्चा का विषय बन गया।
अदालत ने जमानत देने के साथ शर्तें भी लगाईं
अदालत ने राहुल गांधी को 25 हजार रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी, लेकिन साथ ही यह शर्त भी लगाई कि जब तक मामला चल रहा है, राहुल गांधी सावरकर के खिलाफ कोई बयान नहीं देंगे। यह शर्तें राजनीतिक भाषणों और सार्वजनिक बयानों के संदर्भ में भी लागू रहेंगी। अदालत ने इस मामले को आगे सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है।
राजनीतिक बहस का बढ़ा मुद्दा
यह मामला सिर्फ कानूनी दृष्टिकोण से नहीं, बल्कि राजनीतिक दृष्टिकोण से भी काफी महत्वपूर्ण बन चुका है। राहुल गांधी को जमानत मिलने के बाद कांग्रेस ने इसे राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा करार दिया, जबकि विपक्षी दलों ने इसे सावरकर के प्रति सम्मान और उनकी विचारधारा की रक्षा का मुद्दा बताया। इसने राजनीतिक बहस को और भी बढ़ावा दिया है।