नई दिल्ली: आगामी बजट 2025-26 में केंद्र सरकार महिलाओं के लिए एक नई नकद अंतरण योजना शुरू कर सकती है, जो परिवारों को पोषण और आर्थिक सुरक्षा में मदद करेगी। इस पर अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम आर्थिक दृष्टि से लाभकारी हो सकता है, लेकिन इसे राजकोषीय बोझ को संतुलित रखते हुए लागू करना चाहिए। प्रोफेसर एन.आर. भानुमूर्ति के अनुसार, ऐसी योजनाएं हमेशा लाभकारी होती हैं, लेकिन इनका क्रियान्वयन सावधानी से किया जाना चाहिए।
महिलाओं के लिए रोजगार और कर्ज वितरण की आवश्यकता
RIS के महानिदेशक सचिन चतुर्वेदी ने इस योजना के बारे में कहा कि नकद हस्तांतरण महिलाओं के आत्मसम्मान को बढ़ावा देने और कुपोषण के खिलाफ बेहतर परिणाम देने में मदद करता है। हालांकि, लेखा चक्रवर्ती ने इसे अल्पकालिक उपाय मानते हुए महिलाओं के लिए रोजगार और कर्ज वितरण की व्यवस्था को प्राथमिकता देने की आवश्यकता पर बल दिया।
किसानों के लिए सब्सिडी और मशीनीकरण पर जोर
किसान सम्मान निधि के तहत राशि बढ़ाने की संभावना पर चतुर्वेदी ने सुझाव दिया कि इसे कृषि मशीनीकरण से जोड़ा जा सकता है। इससे किसानों को छोटे उपकरण खरीदने में मदद मिलेगी और कृषि क्षेत्र के साथ-साथ विनिर्माण क्षेत्र को भी प्रोत्साहन मिलेगा। भानुमूर्ति ने कहा कि इस योजना के लाभार्थियों की समीक्षा करना जरूरी है ताकि केवल जरूरतमंद किसानों को इसका लाभ मिले।
जलवायु परिवर्तन और कृषि के लिए नई पहल
जलवायु परिवर्तन से प्रभावित कृषि और तटीय क्षेत्रों के लिए नई सब्सिडी योजनाओं की आवश्यकता पर जोर दिया गया। चतुर्वेदी ने कहा कि ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए बजटीय प्रावधानों को शामिल किया जाना चाहिए।
टैक्स में कटौती से खपत बढ़ाने की उम्मीद
अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए कर कटौती पर विचार किया जा सकता है। प्रोफेसर भानुमूर्ति ने जीएसटी में कटौती को खपत बढ़ाने का प्रभावी तरीका बताया, जबकि चक्रवर्ती ने कहा कि कर दरों में कमी से लोगों की खर्च योग्य आय बढ़ेगी, जिससे मांग में सुधार होगा।
राजकोषीय घाटे पर संतुलन बनाए रखने की आवश्यकता
अर्थशास्त्रियों का कहना है कि भारत चुनावी वर्षों में भी राजकोषीय समझदारी का परिचय देता है, इसलिए घाटे पर चिंता करना जरूरी नहीं है।
नए बजट से बड़ी उम्मीदें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2025 को अपना आठवां बजट पेश करेंगी, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा पूर्ण बजट होगा। इस बजट में महिलाओं, किसानों और कर राहत जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।