पटना: बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) की 70वीं संयुक्त प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान रविवार को प्रदर्शन के समय पुलिस और अभ्यर्थियों के बीच झड़प हुई, जिसके बाद पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन का इस्तेमाल किया। इसके परिणामस्वरूप सोमवार को कई छात्र संगठनों ने चक्का जाम की घोषणा की, जिसके बाद छात्र संगठन के लोग सड़कों पर उतर आए और यातायात प्रभावित हुआ।
अरवल में सोमवार सुबह चक्का जाम समर्थक सड़क पर उतर गए, जबकि पटना में लाठी चार्ज के विरोध में लोग सड़कों पर उतरे और जाम लगा दिया। इस दौरान अभ्यर्थियों के अभिभावक भी सड़क पर प्रदर्शन में शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने जिला मुख्यालय स्थित भगत सिंह चौक पर पहुंचकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, जिससे पटना-औरंगाबाद एनएच 139 और अरवल-जहानाबाद एनएच 110 पर यातायात ठप हो गया।
बंद के समर्थकों ने परीक्षा के प्रश्नपत्र लीक होने की जांच की मांग की। उनका कहना है कि संयुक्त छात्र मोर्चा ने चक्का जाम की घोषणा की थी और वे सभी आम लोग भी सड़क पर उतरे हैं। वहीं, दरभंगा के लहेरियासराय स्टेशन पर आइसा के कार्यकर्ताओं ने सप्तक्रांति एक्सप्रेस को रोक लिया और इंजन पर चढ़ गए।
आंदोलन का नेतृत्व कर रहे युवा आरजेडी के महानगर राकेश नायक ने कहा कि वे बिहार के नौजवानों की आवाज को बुलंद करने के लिए सड़क पर उतरे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनके आंदोलनों को दबा रहे हैं। इस आंदोलन में बिहार के गरीब और किसान परिवारों के नौजवान शामिल हैं, जिनका भविष्य शिक्षा माफियाओं द्वारा परीक्षा में गड़बड़ी के कारण प्रभावित हो रहा है।
रविवार को हुए प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने अभ्यर्थियों को रोकने की कोशिश की, लेकिन इसके परिणामस्वरूप झड़प हुई और स्थिति बिगड़ गई। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज और ठंडे पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। अभ्यर्थी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द कर पुनर्परीक्षा की मांग कर रहे हैं।