नई दिल्ली: अभी कुछ दिनों पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजमेर शरीफ दरगाह पर चादर भेट की थी। शनिवार को ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के खास अवसर पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू प्रधानमंत्री द्वारा भेजी गई चादर को अजमेर शरीफ दरगाह पर चढ़ाया। अब खबर आई है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स के अवसर पर शनिवार को अपने और अपनी पार्टी की तरफ से चादर भेजी।
भारत में कौमी इत्तेहाद और भाईचारा की जड़ें गहरी
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, “पूरी दुनिया को इससे यह संदेश जाना चाहिए कि हिंदुस्तान में क़ौमी इत्तेहाद और भाईचारा की जड़ें इतनी गहरी हैं। वे चंद झोंकों और विकृत सोच के लोगों द्वारा हिलाई नहीं जा सकती हैं।” खरगे ने कांग्रेस के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी को यह चादर भेंट की और इसे जल्द ही अजमेर शरीफ दरगाह पर पेश किया जाएगा।
खरगे बोले- चादर देकर खुद को खुशक़िस्मत महसूस
कांग्रेस अध्यक्ष ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा, “इंतेहाई अक़ीदत व एहतराम के साथ मैं ख़्वाजा गरीब नवाज़ मोइनुद्दीन चिश्ती के 813वें उर्स मुबारक के मौके पर अपनी और कांग्रेस पार्टी की ओर से चादर रवाना करते हुए खुद को बेहद खुशक़िस्मत महसूस कर रहा हूं। कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते आज उस परंपरा को निभाने का मौका मिला, जो साल-दर-साल हमारी पार्टी निभाती है।”
छुआछूत और नफरत के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया
खरगे ने कहा, “यहां मैं ये याद दिलाना चाहूंगा कि 2025 हमारे महान नायक महात्मा गांधीजी के कांग्रेस अध्यक्ष बनने की शताब्दी का साल है। 1924 में उनकी अध्यक्षता में देश भर के लोग बेलगांव में एकत्र हुए थे। उन्होंने छुआछूत, भेदभाव और नफरत की भावना के खिलाफ एकजुटता का संदेश दिया था।”
उन्होंने आगे कहा, “हमें हमेशा याद रखना चाहिए कि नफरत के सौदागरों ने ही हमसे राष्ट्रपिता को छीना है। लेकिन उनके विचार जिंदा हैं, जिसे लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार जनता के सरोकारों को आगे रख कर संघर्ष कर रही है।”
(इनपुट-एजेंसी के साथ)