उत्तराखंड। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन-एनएमसीजी ने करीब छह सौ 38 करोड़ रुपये की लागत वाली आठ परियोजनाओं को मंजूरी दी है। एनएमसीजी के महानिदेशक जी. अशोक कुमार की अध्यक्षता में हुई कार्य समिति की बैठक में परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई। इनमें से लगभग चार सौ सात करोड़ रुपये की लागत वाली चार परियोजनाएं शामली जिले में प्रदूषण रोकथाम के लिए है, जिसका उद्देश्य यमुना की सहायक नदी हिंडन की सफाई करना है। जल शक्ति मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि ये परियोजनाएं समग्र हिंडन पुनरुद्धार योजना का हिस्सा है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 2025 में लगने वाले महाकुंभ की तैयारियों के तहत सात घाटों के विकास की एक परियोजना को भी मंजूरी दी गई है। इनमें दशाश्वमेध घाट, किला घाट, ज्ञानगंगा आश्रम घाट और सरस्वती घाट शामिल हैं। इन घाटों पर स्नान और पेयजल समेत विभिन्न सुविधाएं होंगी।
एनएमसीजी ने बैठक में बिहार और मध्यप्रदेश के लिए एक-एक जल-मल शोधन प्रबंधन परियोजना को भी मंजूरी दी है। बिहार में इस परियोजनाओं से गंगा की सहायक नदी किउल नदी में प्रदूषित जल के प्रवाह को रोका जा सकेगा। मध्य प्रदेश की परियोजना में यमुना की सहायक नदी क्षिप्रा में गंदे जल को आने से रोका जा सकेगा।उत्तराखंड के हरिद्वार में घाट विकास के लिए भी एक परियोजना स्वीकृत की गई है, जिसमें अखंड परमधाम घाट का निर्माण दो करोड़ रुपये से अधिक लागत से किया जाएगा।