हिमाचल प्रदेश: मंत्रिमंडल ने बीपीएल सूची में नए परिवारों को शामिल करने का लिया निर्णय, नशे के खिलाफ STF का गठन

Cabinet decided to include new families in BPL list, formation of STF against drug abuse

शिमला: हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल ने राज्य में गरीबी रेखा से नीचे (BPL) रहने वाले परिवारों के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है। अब ऐसे परिवार भी बीपीएल सूची में शामिल होंगे जिनमें 18 से 59 वर्ष की आयु का कोई वयस्क सदस्य नहीं है, जिनकी मुखिया महिला है, या जिनके परिवार का मुखिया 50 फीसदी या उससे अधिक दिव्यांग है। साथ ही, जिन परिवारों ने पिछले वित्तीय वर्ष में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के तहत कम से कम 100 दिन काम किया है या जिन परिवारों के कमाने वाले सदस्य गंभीर बीमारियों जैसे कैंसर, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी या थैलेसीमिया से पीड़ित हैं, उन्हें भी बीपीएल सूची में शामिल किया जाएगा।

नशे के खिलाफ उठाए गए कदम
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में आयोजित राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य में नशीली दवाओं के दुरुपयोग और तस्करी को रोकने के लिए एक विशेष कार्य बल (STF) का गठन करने को मंजूरी दी गई। यह STF नशे की तस्करी और संगठित अपराध के नेटवर्क को खत्म करने का कार्य करेगा।

स्टांप ड्यूटी में संशोधन
मंत्रिमंडल ने भारतीय स्टांप अधिनियम, 1899 की अनुसूची 1ए में संशोधन के लिए अध्यादेश जारी करने का निर्णय लिया। इस संशोधन के तहत, हिमाचल प्रदेश काश्तकारी और भूमि सुधार अधिनियम, 1972 की धारा 118(2)(एच) के तहत सुरक्षित हस्तांतरण और पट्टा लेनदेन पर राज्य सरकार की पूर्व स्वीकृति से 12 प्रतिशत की समान स्टांप ड्यूटी दर लगाई जा सकेगी।

डॉ. मनमोहन सिंह की श्रद्धांजलि
मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिपा) का नाम बदलकर डॉ. मनमोहन सिंह हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान करने को भी मंजूरी दी। बैठक में पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके योगदान को याद किया गया। कैबिनेट ने दो मिनट का मौन रखा और राज्य तथा देश के विकास में उनके योगदान को रेखांकित किया।

मंत्रिमंडल ने कहा कि राज्य में अटल सुरंग, तीन मेडिकल कॉलेज, नैर चौक में ईएसआईसी अस्पताल, आईआईटी मंडी, आईआईआईटी ऊना, केंद्रीय विश्वविद्यालय और कांगड़ा में राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएफटी) जैसी प्रमुख परियोजनाएं डॉ. मनमोहन सिंह की दूरदर्शिता और सहयोग के कारण साकार हुई हैं।

डॉ. मनमोहन सिंह की पहलों को किया याद
बयान में यह भी कहा गया कि डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान कुछ महत्वपूर्ण पहल की गईं, जिनमें सूचना का अधिकार अधिनियम, शिक्षा का अधिकार अधिनियम, मनरेगा, खाद्य सुरक्षा अधिनियम, आधार की शुरुआत, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) और 72 लाख किसानों की ऋण माफी शामिल हैं। ये पहल भारतीय राजनीति और समाज में मील का पत्थर साबित हुईं।

हरित ऊर्जा शुल्क को मंजूरी
मंत्रिमंडल ने पंप स्टोरेज परियोजनाओं के लिए हरित ऊर्जा विकास शुल्क लगाने को भी मंजूरी दी है।

(इनपुट: भाषा)

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