एनकाउंटर में मारा गया डेढ़ लाख का इनामी कुख्यात डकैत सुशील मोची

पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और पश्चिम बंगाल में आतंक का पर्याय बन चुके कुख्यात डकैत सुशील मोची को पुलिस और एसटीएफ की टीम ने एक मुठभेड़ में मार गिराया। इस दुर्दांत डकैत पर बिहार पुलिस ने डेढ़ लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

मुठभेड़ की घटना
यह घटना बायसी थाना क्षेत्र के ताराबारी पंचायत में देर रात घटी। पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि सुशील मोची अपने साथियों के साथ ताराबारी घाट के बहियार इलाके में जमा हुआ है और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है। सूचना मिलते ही एसटीएफ और अमौर थाना पुलिस की संयुक्त टीम मौके पर पहुंची।

जैसे ही पुलिस ने घेराबंदी की, डकैतों ने गोलीबारी शुरू कर दी। पुलिस ने जवाबी फायरिंग की। दोनों ओर से करीब 10 मिनट तक रुक-रुक कर गोलियां चलीं। इसके बाद जब फायरिंग बंद हुई, तो पुलिस ने इलाके की तलाशी ली। मकई के खेत से एक शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान कुख्यात डकैत सुशील मोची (पिता रामेश्वर राम, निवासी कलदिया, थाना अनगढ़) के रूप में की गई।

सुशील मोची का आपराधिक इतिहास
सुशील मोची ने बिहार के पूर्णिया, कटिहार, किशनगंज और पश्चिम बंगाल के कई जिलों में डकैती की कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया था। उसके आतंक से स्थानीय लोग वर्षों से परेशान थे।

पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
घटना के बाद पूर्णिया एसपी कार्तिके शर्मा और डीआईजी प्रमोद कुमार मंडल ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी ली। फोरेंसिक टीम ने मौके से सबूत इकट्ठा किए। शव को पोस्टमार्टम के लिए पूर्णिया भेज दिया गया है।

पूर्व मंत्री हाजी अब्दुस सुबहान ने पुलिस की कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, “बायसी में शायद पहली बार इस प्रकार से पुलिस की गोली से किसी बड़े कुख्यात डकैत की हत्या हुई है। इससे अपराधियों के मन में पुलिस का भय पैदा होगा और चोरी-डकैती जैसी घटनाओं में कमी आएगी।”

क्षेत्र में शांति की उम्मीद
इस मुठभेड़ के बाद स्थानीय लोगों में राहत की भावना देखी जा रही है। पुलिस की इस सफलता से क्षेत्र में अपराध पर लगाम लगने की उम्मीद की जा रही है।

 

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