नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया के बाद अब भारत में भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 18 साल से कम उम्र के बच्चों की गतिविधियों पर लगाम लगाने की योजना बनाई जा रही है। सरकार जल्द ही नया कानून लाकर 18 साल से कम आयु के बच्चों की सोशल मीडिया पर गतिविधियों को नियंत्रित करने की कोशिश कर सकती है। केंद्र सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP), 2023 के तहत नियमों का ड्राफ्ट तैयार किया और शुक्रवार (3 जनवरी) को इसे सार्वजनिक कर दिया है।
पेरेंट्स की इजाजत जरूरी होगी
इस ड्राफ्ट के मुताबिक, अब 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट खोलने के लिए अपने पेरेंट्स की इजाजत लेना जरूरी होगा। सरकार का मानना है कि बच्चों का सोशल मीडिया इस्तेमाल उनके मानसिक स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है, खासकर जब वे ऐसे कंटेंट को देख रहे होते हैं जो उनके लिए हानिकारक हो सकता है।
‘सोशल मीडिया से बच्चों की हेल्थ पर पड़ रहा है असर’
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनियाभर में 10% से अधिक बच्चे सोशल मीडिया के इस्तेमाल से नकारात्मक रूप से प्रभावित हो रहे हैं। WHO की रिपोर्ट यह भी बताती है कि जैसे-जैसे सोशल मीडिया का उपयोग बढ़ रहा है, बच्चों में मानसिक और शारीरिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं।
ड्राफ्ट में पेरेंट्स की पहचान की जांच का प्रावधान
इस ड्राफ्ट में यह भी कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति खुद को बच्चे का मां या बाप बता रहा है, तो क्या उसके पास इस दावे का कानूनी आधार है या नहीं। सरकार ने इस संबंध में लोगों से सुझाव मांगे हैं।
जनता से राय लेने की प्रक्रिया
मिनिस्ट्री ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी ने शुक्रवार को जारी एक अधिसूचना में कहा कि लोग माय गवर्नमेंट डॉट इन पर जाकर इस ड्राफ्ट के बारे में अपनी आपत्तियां दर्ज कर सकते हैं और सुझाव भी दे सकते हैं। हालांकि, इस ड्राफ्ट से संबंधित आपत्तियों और सुझावों पर 18 फरवरी से विचार किया जाएगा।
हाल ही में ऑस्ट्रेलिया सरकार ने भी 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया था। इस संदर्भ में भारत सरकार का यह कदम बच्चों की ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
(स्रोत – IANS)