राकेश झा का सफर: एक प्रेरणा की कहानी

Rakesh Jha's journey: A story of inspiration

पटना: राकेश झा का जीवन संघर्ष और सफलता की प्रेरणा है। बिहार के दरभंगा जिले के एक छोटे से गांव बेलौन के साधारण किसान परिवार में जन्मे राकेश ने अपने जीवन में कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन अपने लक्ष्य के प्रति उनकी निष्ठा और संघर्ष ने उन्हें सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।

प्रारंभिक शिक्षा और संघर्ष
राकेश की शुरुआती पढ़ाई सरकारी स्कूल से हुई। घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी, लेकिन राकेश ने कभी भी अपनी पढ़ाई में कमी नहीं आने दी। गांव के शिक्षक मनोज झा ने कक्षा 6 से 10 तक उनकी पढ़ाई का खर्च उठाया। इस समर्थन से राकेश की शिक्षा पूरी हुई, और वह हमेशा पढ़ाई में अव्वल रहे।

भागलपुर से दिल्ली तक का सफर
राकेश ने अपनी आगे की पढ़ाई भागलपुर के मारवाड़ी कॉलेज से 12वीं और बीकॉम की। इसी दौरान पंकज टंडन सर ने उन्हें सीए (चार्टर्ड एकाउंटेंट) बनने की प्रेरणा दी, जो उनके जीवन का टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। इसके बाद, राकेश ने सीपीटी (कॉमन प्रोफिशियंसी टेस्ट) परीक्षा को पहले ही प्रयास में पास किया और दिल्ली आकर सीए की आर्टिकलशिप और फाइनल परीक्षा की तैयारी शुरू की।

दोस्तों का सहयोग और आर्थिक संघर्ष
दिल्ली में राकेश के पास आर्थिक मदद की कमी थी, लेकिन उनके दोस्तों ने हर कदम पर उनका साथ दिया। उनके दोस्त राहुल झा, चंदन झा, और शुभन ने कभी भी उन्हें पैसों की कमी महसूस नहीं होने दी। उनके रूममेट मनीष ने किराए और अन्य खर्चों में मदद की, जबकि शिल्पी तिवारी ने सीए फाइनल की फीस तक भर दी। दोस्तों का यह सहयोग राकेश के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण साबित हुआ और उन्होंने आर्थिक बाधाओं के बावजूद अपने सपने को साकार किया।

परिवार का अटूट समर्थन
राकेश के परिवार का भी उन्हें हर कदम पर भरपूर समर्थन मिला। उनके माता-पिता और भाई ने उन्हें हमेशा हौसला दिया। राकेश की बहन और जीजा ने भी उन्हें कभी अकेला महसूस नहीं होने दिया। राकेश का मानना है कि उनका परिवार और दोस्तों का समर्थन ही उनकी सफलता का राज है।

सीए फाइनल की सफलता
राकेश ने मई 2024 में सीए ग्रुप 1 और नवंबर में सीए ग्रुप 2 पास कर, सीए फाइनल की परीक्षा पूरी की। यह उनके संघर्ष और परिश्रम का फल था। इस सफलता ने उन्हें आत्मनिर्भर और आत्मविश्वासी बना दिया।

प्रेरणा की मिसाल
राकेश झा की कहानी दोस्ती, परिवार, और संघर्ष की अनूठी मिसाल है। उन्होंने यह साबित किया कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयां क्यों न हों, अगर सही मार्गदर्शन और समर्थन मिल जाए तो किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। राकेश की सफलता उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो संसाधनों की कमी के बावजूद अपने सपनों को पूरा करने का जज्बा रखते हैं।

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