सीडीएस जनरल बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त,13 की मौत

तमिलनाडु के कुन्नूर में वायुसेना का हेलीकॉप्टर क्रैश हो गया है। जानकारी के मुताबिक इस हेलीकॉप्टर में सीडीएस जनरल बिपिन रावत समेत 14 लोग सवार थे जिसमें 13 की मौत हो गई।शवों की पहचान डीएनए टेस्ट के जरिए की जाएगी।तमिलनाडु में कोयंबटूर और सुलूर के बीच सैन्य हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त के समय उसमें सवारों में सीडीएस जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत, ब्रिगेडियर एलएस लिद्दर, लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह, एनके गुरसेवक सिंह, एनके जितेंद्र कर, एल / नायक विवेक कुमार, एल/ नायक बी साई तेजा और हवलदार सतपाल शामिल थे।सीडीएस जनरल बिपिन रावत के तेवर से दुनिया परिचित है। पाकिस्तान और चीन को लेकर अक्सर वो कड़े बयान देते है। सीडीएस रावत जब आर्मी चीफ होते थे उस वक्त भी उनका रुख तेजतर्रार वाला था। पाकिस्तान उनके नाम से भय खाता है।रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सीडीएस जनरल बिपिन रावत के घर पहुंचे है।वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। इससे पहले उन्होंने रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है।

सुलूर से कुन्नूर लौट रहे थे सीडीएस

सीडीएस बिपिन रावत अपनी पत्नी के साथ वेलिंग्टन में एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे।वेलिंग्टन में आर्म्ड फोर्सेज का कॉलेज है. यहां सीडीएस रावत को लेक्चर था। वे सुलूर से कुन्नूर जा रहा था. यहां से उन्हें दिल्ली के लिए रवाना होना था लेकिन घने जंगल में हादसा हो गया। जहां हादसा हुआ है वह इलाका काफी घना है और आसपास चारों ओर पेड़ ही पेड़ हैं।हादसा इतना दर्दनाक था कि चारों तरफ आग लग गई।सेना और वायुसेना की टुकड़ियों ने पुलिस के साथ रेस्क्यू अभियान चलाया।

 

चश्मदीद बोला- आग का गोला बन गया था हेलिकॉप्टर

हादसे के एक चश्मदीद ने बताया कि उसे पहले बहुत तेज आवाज सुनाई दी। हेलिकॉप्टर से पेड़ों पर गिरा। इसके बाद उसमें आग लग गई, वो आग का गोला बन गया था। एक और चश्मदीद का कहना है कि उसने जलते हुए लोगों को गिरते देखा।

आधुनिक हेलिकॉप्टर है Mi-17

बिपिन रावत एयरफोर्स के IAF Mi-17V5 हेलिकॉप्टर पर सवार थे। यह हेलिकॉप्टर काफी आधुनिक है।इसमें ट्विटन इंजन है।भारत में वीवीआईपी ऑपरेशन्स के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं।यह हेलिकॉप्टर भारत ने रूस से खरीदा है।

रक्षाप्रमुख जनरल बिपिन रावत के चॉपर के क्रैश होने की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक शाम 6:30 बजे होगी।केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलीकॉप्टर हादसे के बारे में संबंधित मंत्रालय द्वारा उचित समय पर जानकारी साझा की जाएगी।

उत्तराखंड से हैं CDS बिपिन रावत

पौड़ी गढ़वाल के एक गांव में 16 मार्च 1958 को पैदा हुए बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत का परिवार पीढ़ियों से सेना में रहा है।उनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत लेफ्टिनेंट जनरल के पद से 1988 में रिटायर हुए थे। ऐसे परिवार से आने वाले बिपिन रावत ने करियर के रूप में सेना को ही चुना था। उन्होंने गोरखा राइफल से 1978 में अपने सैन्य करियर की शुरूआत की थी।उन्होंने दिसंबर 2019 तक सेना की नौकरी की।सेना से रिटायरमेंट के एक दिन पहले ही सरकार ने उन्हें चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) बनाने की घोषणा की थी।उन्होंने 1 जनवरी 2020 को पदभार भी ग्रहण कर लिया था.भारतीय सैन्य अकादमी (आईएमए) में उन्हें सोर्ड ऑफ ऑनर से सम्मानित किया गया था।जनरल रावत का करियर उपलब्धियों से भरपूर रहा है।इसे उनको मिले पुरस्कारों से समझा जा सकता है।उन्हें उत्तम युद्ध सेवा मेडल, अति विशिष्ट सेवा मेडल, युद्ध सेवा मेडल, सेना मेडल, विदेश सेवा मेडल जैसे मेडल मिल चुके हैं।मणिपुर में हुए एक आतंकी हमले में 18 सैनिक शहीद हुए थे. इसके जवाब में सेना के कमांडों ने म्यांमा की सीमा में दाखिल होकर हमला किया था। इस हमले में एनएससीएन के कई आतंकी मार गिराए गए थे।यह अभियान चलाया था 21 पैरा ने, जो थर्ड कॉर्प्स के तहत काम करता था। उस समय थर्ड कॉर्प्स के कमांडर बिपिन रावत ही थे।जम्मू कश्मीर के उरी में स्थित सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर कुछ आतंकियों ने हमला कर दिया था।इस हमले में 19 सैनिक शहीद हो गए थे और करीब 30 सैनिक जख्मी हुए थे।इसके बाद सरकार ने सीमा पारकर आतंकी शिविरों को ध्वस्त करने का फैसला लिया था।इस पर सेना ने 28-29 सितंबर की रात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर जाकर आतंकी शिविरों पर कार्रवाई की थी।

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