पेंशन सेवाओं को आधुनिक और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के तहत, केंद्रीय श्रम एवं रोजगार और युवा कार्य एवं खेल मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कर्मचारी पेंशन योजना 1995 के तहत नई केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) के सफल प्रायोगिक परीक्षण की घोषणा की। इस नई प्रणाली के तहत, जम्मू, श्रीनगर और करनाल के 49,000 से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को अक्टूबर 2024 के लिए लगभग 11 करोड़ रुपये की पेंशन दी गई। यह परीक्षण 29 और 30 अक्टूबर 2024 को सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ।
प्रणाली की घोषणा के दौरान डॉ. मांडविया ने कहा, “केंद्रीकृत पेंशन भुगतान प्रणाली (सीपीपीएस) ईपीएफओ के आधुनिकीकरण का एक अहम हिस्सा है। इससे पेंशनभोगियों को किसी भी बैंक शाखा से पेंशन प्राप्त करने की सुविधा मिलेगी, जिससे उनकी पेंशन प्राप्त करने में आने वाली चुनौतियां समाप्त हो जाएंगी। यह कदम ईपीएफओ को एक मजबूत, उत्तरदायी और तकनीकी रूप से सक्षम संगठन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।”
वर्तमान में ईपीएफओ की पेंशन वितरण प्रणाली विकेंद्रीकृत है, जहां प्रत्येक क्षेत्रीय कार्यालय केवल कुछ बैंकों के साथ अनुबंध करता है। इसके चलते पेंशन वितरण की प्रक्रिया में कई दिक्कतें आती थीं। नई सीपीपीएस प्रणाली के साथ, पेंशनभोगियों को पेंशन प्राप्त करने के लिए किसी भी सत्यापन प्रक्रिया के लिए बैंक जाने की आवश्यकता नहीं होगी, और उनकी पेंशन सीधे उनके बैंक खाते में जमा होगी।
इस नई प्रणाली के माध्यम से, पेंशनभोगी अपने निवास स्थान बदलने या बैंक शाखा बदलने के बाद भी आसानी से पेंशन प्राप्त कर सकेंगे। यह उन लोगों के लिए विशेष लाभदायक होगा जो सेवानिवृत्ति के बाद अपने गृहनगर में बसना चाहते हैं।
सीपीपीएस प्रणाली, ईपीएफओ की आईटी आधुनिकीकरण परियोजना सीआईटीईएस 2.01 का हिस्सा है, जिसे जनवरी 2025 तक पूरी तरह लागू कर दिया जाएगा। इससे ईपीएफओ के 78 लाख से अधिक ईपीएस पेंशनभोगियों को लाभ मिलेगा।
ईपीएफओ अपने पेंशनभोगियों के लिए सेवाओं में सुधार की दिशा में लगातार काम कर रहा है और सीपीपीएस प्रणाली इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो पेंशन वितरण प्रणाली को अधिक सुगम और कुशल बनाएगा।