चेन्नई। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने चक्रवाती तूफान फेंगल को लेकर चेन्नई और तमिलनाडु के अन्य तटीय क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बंगाल की खाड़ी में उठ रहे इस चक्रवात के शुक्रवार, 29 नवंबर को चेन्नई के तट से टकराने की संभावना है।
भारी बारिश और तेज हवाओं का अनुमान
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि तूफान के दौरान 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और भारी बारिश हो सकती है। स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने और आपदा प्रबंधन टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
येलो अलर्ट का क्या है मतलब?
मौसम विभाग प्राकृतिक आपदाओं की आशंका के आधार पर येलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट जारी करता है। येलो अलर्ट का मतलब है कि स्थिति पर निगरानी रखी जाए और सावधानी बरती जाए।
चार चरणों में जारी होते हैं अलर्ट
येलो अलर्ट:
यह चक्रवात से पहले 72 घंटे पहले जारी किया जाता है। इसमें संभावित खराब मौसम के बारे में चेतावनी दी जाती है।
ऑरेंज अलर्ट:
यह अलर्ट चक्रवात के 48 घंटे पहले जारी होता है, जिसमें तूफान की ताकत, स्थान, और संभावित नुकसान की जानकारी दी जाती है।
रेड अलर्ट:
चक्रवात के तट से टकराने से 24 घंटे पहले यह अलर्ट जारी होता है। इसमें तूफान की स्थिति, बारिश, हवा की गति, और प्रभाव की पूरी जानकारी दी जाती है।
तट से टकराने से पहले:
चक्रवात के 12 घंटे पहले अंतिम चेतावनी जारी की जाती है। इसमें नौसेना, प्रशासन और तटीय निवासियों को विशेष निर्देश दिए जाते हैं।
प्रशासन की तैयारियां
तूफान के प्रभाव को देखते हुए चेन्नई और अन्य तटीय इलाकों में प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तैनात की हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। साथ ही, जनता को सतर्क रहने और जरूरत पड़ने पर सुरक्षित स्थानों पर जाने के निर्देश दिए गए हैं।
फेंगल के असर की निगरानी
मौसम विभाग की टीम तूफान की दिशा और गति पर लगातार नजर रख रही है। स्थिति को लेकर नियमित अपडेट जारी किए जा रहे हैं। जनता को सलाह दी गई है कि वे केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करें और घबराहट से बचें।
सावधानी बरतें
तटीय इलाकों में रहने वाले लोग अलर्ट पर रहें।
आपातकालीन किट तैयार रखें।
स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
फेंगल के असर को देखते हुए सभी को सतर्क रहने की आवश्यकता है।