नई दिल्ली: ऑस्ट्रेलिया दौरे में भारतीय क्रिकेट टीम के खराब प्रदर्शन के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अब विदेशी दौरों पर खिलाड़ियों को दी गई सहूलियतों को सीमित करने पर विचार कर रहा है। इस निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई अब खिलाड़ियों की पत्नियों की मौजूदगी को सीमित करने और कोच तथा खिलाड़ियों के मैनेजरों को टीम बस में यात्रा करने से रोकने की योजना बना रहा है।
पत्नी और परिवार की यात्रा पर प्रतिबंध
यदि बीसीसीआई यह निर्णय लागू करता है तो 45 दिन या उससे अधिक समय के दौरे पर खिलाड़ी अपनी पत्नी और अन्य परिवार के सदस्य को केवल दो सप्ताह तक अपने साथ रख सकेंगे। वहीं, यदि दौरा 45 दिन से कम होगा तो यह अवधि एक सप्ताह तक सीमित हो सकती है।
टीम बस के अलावा अन्य वाहन का प्रयोग नहीं होगा
इसके अलावा, विदेशी दौरे के दौरान खिलाड़ियों को केवल टीम बस का उपयोग करना अनिवार्य होगा। हालांकि, कुछ मौकों पर खिलाड़ी और सहयोगी स्टाफ के सदस्य अन्य वाहनों का उपयोग करते हैं, जिसे अब नियंत्रित करने की योजना बनाई जा रही है। यह मुद्दा तब सामने आया जब ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान कोचिंग स्टाफ के एक सीनियर सदस्य के मैनेजर को टीम बस में यात्रा करने की अनुमति दी गई थी। भारत ने इस दौरे में 5 मैचों की सीरीज में 1-3 से हार का सामना किया था।
भ्रष्टाचार निरोधी इकाई के संज्ञान में मामला
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने गोपनीयता की शर्त पर पीटीआई को बताया, “निजी मैनेजर का टीम बस में यात्रा करना भ्रष्टाचार निरोधी इकाई के लिए चिंता का विषय बन सकता है, और भविष्य में इस पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।” उन्होंने यह भी कहा, “विदेशी दौरे पर पत्नियों की उपस्थिति को लेकर बैठक में चर्चा की गई है और इस पर जल्द ही फैसला लिया जाएगा।”
टीम बस के नियमों पर कड़ा रुख
अधिकारी ने आगे कहा, “सभी खिलाड़ियों और कोचों को केवल टीम बस से ही यात्रा करनी चाहिए। यह हमेशा होता आया है, लेकिन हाल के दिनों में कुछ खिलाड़ी अन्य वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिसे अब नियंत्रित किया जाएगा।”
आकाश चोपड़ा का बयान
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने बीसीसीआई के इस नए आदेश पर हैरानी जताई और इसे लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है।
इस नए कदम से यह स्पष्ट होता है कि बीसीसीआई अब खिलाड़ियों और सहायक स्टाफ के लिए अधिक अनुशासन और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास कर रहा है।