संतों ने हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोकर रखा और सदैव समाज के अच्छे मार्गदर्शक रहे हैं – उपराष्ट्रपति

कैथल : भारत के उपराष्ट्रपति, जगदीप धनखड़ और डॉ. सुदेश धनखड़ ने हरियाणा के कैथल में संतधन्ना भगत के जयंती समारोह में भाग लिया। खराब मौसम के कारण हेलीकॉप्टर के उड़ान न भर पाने पर, उपराष्ट्रपति जी दिल्ली से सड़क द्वारा यात्रा करके कैथल स्थित धनौरी गांव पहुंचे जहां उनका स्वागत हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल व समाज के अन्य गणमान्य व्यक्तियों द्वारा किया गया।

धनौरी गांव में श्री धन्ना भगत के मंदिर में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने पूजा अर्चना की और तत्पश्चात निकट ही श्री धन्ना भगत के जयंती समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लिया।

लोगों को संबोधित करते हुए, उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि भारतवासी सौभाग्यशाली हैं कि हमें इस देश में महान संत-महात्माओं का सानिध्य प्राप्त हुआ है। उन्होंने यह भी कहा कि हमारे संत हमारी सांस्कृतिक विरासत को पूरी तरीके से संजोकर रखे हुए हैं, और एक बहुत अच्छे मार्गदर्शक का काम कर रहे हैं।

श्री धन्ना भगत को भक्ति आंदोलन का एक प्रमुख हस्ताक्षर बताते हुए पराष्ट्रपति धनखड़ ने सभी से धन्ना भगत के महान विचारों पर ध्यान देने और उनके आदर्शों को समाज में आगे बढ़ाने की आवश्यकता पर बल दिया। संत-महापुरुषों को जाति-पांति के बंधन से ऊपर रखने की अपील करते हुए उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि कोई भी संत-महापुरुष कभी किसी का बुरा नहीं चाहता है अपितु सबका कल्याण चाहता है।

युवाओं में नशे की समस्या पर चिंता जताते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा “मैं यह चिंता व्यक्त करता हूं कि हमारे कुछ नवयुवक रास्ते से भटक गए हैं। ड्रग्स का प्रयोग बहुत ही भयानक बीमारी है… जो कि पूरी पीढ़ी को तबाह कर सकती है इस पर अंकुश लगना चाहिए। हमें प्रण लेना चाहिए लेना चाहिए कि आज के इस पावन दिवस पर हम हमारे संतो के द्वारा दिखाए गए रास्ते पर चलेंगे।”

अपने अभिभाषण में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि भारत बदल रहा है और दुनिया में हमारी प्रतिष्ठा बढ़ी है। आज हम पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गये हैं और इस दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी महाशक्ति होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि “बदलाव की पराकाष्ठा यह है कि भारत के सर्वोच्च पद महामहिम राष्ट्रपति एक आदिवासी है, उपराष्ट्रपति कृषक पुत्र है और प्रधानमंत्री अन्य पिछड़ा वर्ग से है।”

युवाओं से देश के बदलाव में सक्रिय भूमिका निभाने की आह्वान करते हुए उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि यदि कोई भारत की प्रगति में की रुकावट पैदा करता है या देश को बदनाम करने की कोशिश करता है, तो ऐसे लोगों पर अंकुश लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि दुनिया में ऐसा कोई देश नहीं है, भारत के संविधान में तीन स्तर – पंचायत/ म्युनिसपलटी, राज्य और केन्द्र के स्तर पर चुनाव की व्यवस्था है। हमारा लोकतंत्र हर स्तर पर जीवंत है और अगर कोई कहता है कि देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था कमजोर है, बोलने के अधिकार पर अंकुश है, तो ऐसी बातें निराधार है।

किसानों को भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ बताते हुए उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सरकार द्वारा किसान कल्याण के लिए उठाये गये कदमों की सराहना की। उन्होंने खुशी व्यक्त की कि 11 करोड़ किसानों को अब तक 2,25,000 करोड का धनराशि दी गयी है।

इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल, क्षेत्र के जनप्रतिनिधि व समाज के गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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