बढ़ते ई-कॉमर्स बाजार में स्थानीय भाषाओं और उत्पादों को बड़ा प्रोत्‍साहन मिलेगा: : पीयूष गोयल

नई दिल्ली: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि भविष्‍य में कल का ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में परिवर्तन का सूचक होगा। नई दिल्ली में ओएनडीसी द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला “सक्षम भारत 2.0” को संबोधित करते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि वे अगले कुछ महीनों में ओएनडीसी में महत्वपूर्ण विकास के प्रति आशान्वित हैं। उन्होंने छोटी और बड़ी सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को ओएनडीसी में शामिल होने और डिजिटल कॉमर्स की नई कल्पना करने वाले इस नए बाजार का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया।

उन्होंने कहा कि ओएनडीसी स्थानीय भाषाओं, उत्पादों और सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देगा और छोटे व्यवसायों के लिए अवसर उपलब्‍ध कराएगा। उन्होंने कहा कि छोटे कारीगर और श्रमिक ओएनडीसी के जरिए बेहतर गुणवत्ता वाले उत्‍पाद ला सकते हैं और अपने उत्पादों के लिए बिना कमीशन दिए बेहतर कमाई भी कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि ओएनडीसी स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को प्रोत्‍साहन देगा, उपभोक्ताओं को लाभान्वित करेगा और भारत में डिजिटल वाणिज्य इकोसिस्‍टम के समग्र विकास में योगदान देगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का विश्‍वास ​​है कि हमारी विकास की क्षमता प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की हमारी दक्षता पर निर्भर करती है। उन्होंने कहा कि मोनोलिथिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म वो सेवाएं प्रदान नहीं कर पाएंगे, जो ओएनडीसी जैसे प्लेटफॉर्म का नेटवर्क प्रस्‍तुत कर सकता है। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि ओएनडीसी के माध्‍यम से कई क्षेत्र लाभान्वित हो सकते हैं, जैसे किसान उनकी पहुंच बड़े बाजारों तक हो सकती है और अपने उत्पादों के लिए बेहतर कीमतों की मांग कर सकते हैं और अन्‍य लोग सर्वोत्तम कीमतों पर स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।

उन्होंने ऐसी व्यवस्था बनाने की आवश्‍यकता पर बल दिया, जिससे सभी लाभान्वित हो सकें और सभी को बेहतर अवसर मिल सकें। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि ई-कॉमर्स विकास का एक ऐसा इंजन बने जो क्रेता और विक्रेता दोनों को सशक्त बनाए। पीयूष गोयल ने कहा कि ओएनडीसी बड़े और छोटे दोनों व्यवसायों के लिए समावेशी तरीके से अवसरों के द्वार खोलेगा, जिससे वाणिज्य की पूरी मूल्य श्रृंखला लाभान्वित होगी। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी बिना किसी भेदभाव के सभी विक्रेताओं को बड़ा बाजार प्रदान करेगी। ओएनडीसी मापदंड, प्रतिस्पर्धा, बेहतर मूल्य निर्धारण और गुणवत्ता की अर्थव्यवस्थाओं को प्रोत्‍साहन देगा, इससे उपभोक्ताओं को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी ग्राहक केंद्रित है और यह महात्मा गांधी के दृष्टिकोण के अनुरूप है, जहां ग्राहक सर्वोपरि है।

पीयूष गोयल ने कहा कि इंडिया को केवल भारत के रूप में परिभाषित किया जा सकता है, क्योंकि यह देश भर के गांवों और छोटी-छोटी बस्तियों में पुष्पित और पल्‍लवित होता है। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी इस ‘भारत’ के समावेशी विकास का लक्ष्‍य रख रहा है। यह सुनिश्चित करता है कि ई-कॉमर्स के लाभ देश के कोने-कोने तक पहुंचें।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारतीय तरीके से चुनौतियों को हल करने में दृढ़ता से विश्वास रखते हैं और उन्हें पूर्ण विश्वास है कि भारत के लोग नवीन समाधान खोज लेंगे। उन्होंने कहा कि ओएनडीसी का उद्भव ऐसे समय में हुआ है जब ई-कॉमर्स क्षेत्र कई चुनौतियों से जूझ रहा था और छोटे व्यवसायों पर खतरा मंडरा रहा था। उन्होंने छोटे खुदरा विक्रेताओं और व्यवसायों के हितों को संतुलित करते हुए ई-कॉमर्स इकोसिस्‍टम की इन चुनौतियों का समाधान करने के लिए वैकल्पिक तरीकों की आवश्यकता पर प्रकाश डाला, जिससे ओएनडीसी का विकास हुआ।

उन्होंने कहा कि ओएनडीसी विभिन्न प्लेटफार्मों के बीच इंटरफेस का उपयोग करने की अपनी अवधारणा के साथ खरीदारों के लिए अधिक विकल्प उपलब्ध कराएगा। इससे बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धा होगी। यह ‘सक्षम भारत 2.0’ वर्ष 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की प्रतिबद्धता के अनुरूप है और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा समय की मांग है। सरकार के सभी प्रयास नागरिक केंद्रित रहे हैं। कोविड महामारी के दौरान टीकों के उत्पादन और विकास में इसकी झलक मिलती है। टीका वितरण की निगरानी के लिए को-विन वैक्सीनेटर ऐप के लॉन्च के साथ ये स्थिति पूर्णतः स्पष्ट थी।

उन्होंने वित्तीय सेवा क्षेत्र में यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसी पहल की सफलता के बारे में कहा कि यह परिवर्तनकारी यात्रा का साक्षी है और इसने सैकड़ों फिनटेक कंपनियों को वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया है। पीयूष गोयल ने कहा कि यूपीआई ने फिनटेक क्षेत्र में नवाचार लाकर सामाजिक मूल्यांकन के माध्यम से स्टार्टअप्स और यूनिकॉर्न को बढ़ावा दिया।

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