गंगा सप्तमी : हिंदू धर्म में मां गंगा को पूजनीय स्थान दिया गया है और कहते हैं कि गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं. साल में दो बार मां गंगा का उत्सव मनाया जाता है. पहला गंगा सप्तमी के दिन और दूसरा गंगा दशहरा के दिन. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा सप्तमी मनाई जाती है और इस दिन लोग गंगा में डुबकी लगाते हैं. इस बार गंगा सप्तमी 27 अप्रैल यानी आज मनाई जा रही है.
गंगा सप्तमी तारीख :वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि के दिन गंगा सप्तमी मनाई जाती है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह तिथि इस बार 26 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 27 मिनट पर शुरू हो गई है और 27 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 38 मिनट पर इसका समापन होगा. ऐसे में उदयातिथि के अनुसार गंगा सप्तमी 27 अप्रैल के दिन मनाई जाएगी.
गंगा सप्तमी का शुभ मुहूर्त :गंगा सप्तमी के दिन यानि 27 अप्रैल को सुबह 11 बजकर 7 मिनट से लेकर दोपहर 1 बजकर 43 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त है. कहते हैं कि शुभ मुहूर्त में की गई पूजा अधिक फलदायी होती है.
गंगा सप्तमी पूजा विधि :गंगा सप्तमी के दिन गंगा नदी में स्नान करना शुभ माना गया है. यदि ऐसा करना संभव न हो तो घर में स्नान करते समय पानी में गंगाजल की कुछ बूंदे अवश्य मिला लें. कहते हैं कि गंगा सप्तमी के दिन गंगा में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप मिटते हैं और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है. स्नान के बाद मां गंगा को अघ्र्य दें नदी में तिल का दान करें.
घर में पूजा करते समय तांबे के कलश में जल भरें और उसमें गंगाजल मिलाएं. इसके बाद आम के पत्ते से जल लेकर पूरे घर में इसका छिड़काव करें. इससे घर में सकारात्मकता आती और सुख-समृद्धि का वास होता है.