नई दिल्ली: भारत द्वारा अब तक लॉन्च किए गए 424 विदेशी उपग्रहों में से 389 प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के पिछले नौ वर्षों में लॉन्च किए गए थे। इसके अलावा, 174 मिलियन अमेरिकी डॉलर में से 157 मिलियन की कमाई पिछले नौ वर्षों में हुई और इसी तरह अब तक अर्जित 256 मिलियन यूरो में से 223 मिलियन मोदी शासन के नौ वर्षों के दौरान आए हैं।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), एमओएस पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा विभाग और अंतरिक्ष विभाग, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां डीडी न्यूज के साथ एक विशेष साक्षात्कार में बताया।
मंत्री महोदय ने कहा कि भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र तेजी से दुनिया में एक प्रमुख स्थान हासिल करता जा रहा है। जिन देशों ने हमसे बहुत पहले अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम शुरू कर लिए थे, वे भी आज अपने उपग्रहों को लॉन्च करने के लिए तेजी से हमारी सेवाएं और हमारी सुविधाएं चाह रहे हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, रॉकेट लॉन्चिंग के मुख्य काम के अलावा, जून 2020 में मोदीजी द्वारा अंतरिक्ष क्षेत्र को खोले जाने के बाद से भारत की स्पेस एप्लिकेशंस 130 स्टार्ट-अप के माध्यम से कमाई के अवसरों का एक बड़ा स्त्रोत बन गई हैं। इसके अलावा, शैक्षणिक क्षेत्र की बात करें तो त्रिवेंद्रम, जम्मू और अगरतला में तकनीकी संस्थानों में छात्रों के लिए 100 प्रतिशत प्लेसमेंट होता है और उनमें से लगभग 50 प्रतिशत उच्च शिक्षा के लिए नासा जाते हैं।
रेलवे, राजमार्ग, कृषि, जल मानचित्रण, स्मार्ट सिटी, टेलीमेडिसिन और रोबोटिक सर्जरी जैसे विभिन्न क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की एप्लीकेशंस, जो आम आदमी के लिए ‘ईज़ ऑफ लिविंग’ लेकर आई हैं, उनका जिक्र करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि, अंतरिक्ष तकनीक ने भारत में लगभग हर घर तक अपनी पहुंच बना ली है।
हाल ही में इसरो ने सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा से पीएसएलवी-सी37 पर रिकॉर्ड 104 उपग्रह लॉन्च किए, जिनमें से 101 अंतर्राष्ट्रीय ग्राहकों के उपग्रह हैं। उन्होंने कहा कि ये वैश्विक अंतरिक्ष उद्योग में भारत की बढ़ती मौजूदगी को दर्शाता है। इसके अलावा, स्वदेशी मानव अंतरिक्ष मिशन गगनयान भारतीयों को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए लगभग तैयार है। अगर ये कामयाब रहता है तो भारत अमेरिका, रूस और चीन के बाद अंतरिक्ष में इंसान भेजने वाला चौथा देश हो जाएगा।
भारत की स्टार्ट-अप क्रांति के बारे में अधिक बात करते हुए मंत्री महोदय ने कहा कि 2014 से पहले लगभग 350 स्टार्टअप थे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब अपने स्वतंत्रता दिवस संबोधन में लाल किले की प्राचीर से आह्वान किया और 2016 में विशेष स्टार्टअप योजना शुरू की, तो उसके बाद से स्टार्ट-अप्स में एक बड़ी छलांग देखने को मिली है। एक लाख से ज्यादा स्टार्ट-अप हो चुके हैं जिनमें से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं। मंत्री महोदय ने कहा कि इसी तरह, बायोटेक स्टार्टअप पिछले 8 वर्षों में 100 गुना बढ़ गए हैं। 2014 में इनकी संख्या 52 थी, वहीं 2022 में ऐसे स्टार्ट-अप 5500 से ज्यादा हो चुके हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने देश के युवाओं से आह्वान किया कि ये भारत के लिए “सर्वश्रेष्ठ समय” है और उन्हें अपनी आकांक्षाओं का बंधक नहीं बनना चाहिए। उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने पिछले नौ वर्षों में कई नए मंच और रास्ते निर्मित किए हैं, जिससे देश के युवाओं के पास अपने गोलपोस्ट बदलने की छूट है, क्योंकि अब पर्याप्त मौके हैं जो भुनाए जाने के इंतज़ार में हैं। उन्होंने कहा, राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भी “नए भारत” के अनुरूप है और अब मानसिकता में बदलाव की आवश्यकता है।