नीतीश कैबिनेट से इस्तीफे पर सीएम के प्रति आस्था, मगर अस्तित्व से समझौता नहीं बोले-संतोष मांझी

पटना.प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार के खिलाफ देशव्यापी विपक्षी एकता पर पटना में 23 जून को होने वाली बैठक के पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जोर का झटका देने वाले संतोष सुमन उर्फ संतोष मांझी अभी एनडीए में जाने को लेकर कुछ नहीं बोल रहे और न ही सीएम के खिलाफ मुंह खोल रहे। लेकिन, उन्होंने महागठबंधन में टिकने की स्थिति से इनकार जरूर कर दिया।

वाल – आपने इस्तीफा क्यों दिया?संतोष मांझी – असहज पा रहा था। पार्टी के अस्तित्व का सवाल सामने था।

सवाल – क्या लोकसभा की पांच सीटों का मसला था या विलय वाला?संतोष मांझी – कई बातें थीं। दरअसल, महागठबंधन के स्वतंत्र दल के रूप में हम की पहचान पर संकट आ गया था। हम लोकसभा की पांच सीटों की बात कर रहे थे, लेकिन दूसरी तरफ से इसपर रिस्पांस देने की जगह हमारी पार्टी के ही विलय का प्रस्ताव आ रहा था।

सवाल -जदयू के साथ तो आप पहले भी थे?संतोष मांझी – अब भी मैं महागठबंधन में हूं। नीतीश जी के प्रति आस्था में कोई कमी नहीं। बस, अपनी पार्टी के अस्तित्व से समझौता करना उचित नहीं लगा। हमने जदयू से अलग होकर ही ‘हम’ पार्टी का गठन किया। इसका अपना विजन है। विजन के कारण हम अलग हुए थे। अब विजन को छोड़कर विलय करें, यह मंजूर नहीं।

सवाल – विपक्षी दलों की बैठक में भी न्यौता नहीं मिला। यह भी मुद्दा था?संतोष मांझी – कई बातें जुड़ती जाती हैं। यह बहुत बड़ा मुद्दा नहीं था। संभव है कि आज नहीं तो कल बुलाया भी जाए, लेकिन कई बातें एक साथ जुड़ रही थीं। और, हर बात हमारे अस्तित्व पर ही सवाल कर रही थी।

सवाल – अब, एनडीए में जा रहे हैं?संतोष मांझी – नहीं, अभी ऐसा कोई फैसला नहीं हुआ है। पार्टी अपने अस्तित्व के सवाल पर अपने एक नेता के मंत्रिमंडल से इस्तीफे का फैसला ले सकती है तो बाकी फैसले भी इसी आधार पर लिए जाएंगे। हम अभी महागठबंधन का हिस्सा है। कई दल मंत्रिमंडल में नहीं होकर भी सरकार के साथ हैं, उसी तरह हम भी फिलहाल सरकार में हैं।

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