सरकार के सहयोग से भारत में जैव ऊर्जा इकोसिस्टम में बदलाव को बढ़ावा मिला: पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज सीआईआई बायोएनर्जी शिखर सम्मेलन के 12वें संस्करण में शिखर सम्मेलन की थीम “भविष्य को बढ़ावा देना – भारत के हरित विकास लक्ष्यों को सुरक्षित करना” के अनुरूप जैव ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय प्रगति को रेखांकित किया। उन्होंने भारत की इथेनॉल मिश्रण पहल की सफलता पर प्रकाश डाला, जिसके तहत मिश्रण प्रतिशत 2014 में 1.53 प्रतिशत से बढ़कर 2024 तक अनुमानित 15 प्रतिशत होने की उम्मीद है। सरकार ने 20 प्रतिशत मिश्रण के अपने लक्ष्य को 2025 तक बढ़ा दिया है, जिससे सतत ऊर्जा के प्रति उसकी कटिबद्धता मजबूत हुई है।

पुरी ने 2014 से भारत के जैव ऊर्जा इकोसिस्टम को बदलने में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा की। उन्होंने इस परिवर्तन को आगे बढ़ाने में बाजार की गतिशीलता, प्रौद्योगिकी में प्रगति और समर्थन करने वाली सरकारी नीतियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया।

उन्होंने इथेनॉल कार्यक्रम के परिणामों का उल्लेख करते हुए बताया कि इसने 1,06,072 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचत की है, CO2 उत्सर्जन में 544 लाख मीट्रिक टन की कमी की है और 181 लाख मीट्रिक टन कच्चे तेल का प्रतिस्थापन प्राप्त किया है। उन्होंने कहा कि ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (ओएमसी) द्वारा डिस्टिलर्स को भुगतान 1,50,097 करोड़ रुपये तक पहुँच गया है। इसके अलावा, किसानों को 90,059 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, जिससे वे अन्नदाता से ऊर्जादाता बन गए हैं।

मंत्री महोदय ने सतत विमानन ईंधन (एसएएफ) के लिए सरकार के महत्वाकांक्षी लक्ष्यों के बारे में भी चर्चा की, जिसका लक्ष्य 2027 में एक प्रतिशत और 2028 में दो प्रतिशत मिश्रण करना है, जिससे भारत जैव-गतिशीलता में अग्रणी देश बन जाएगा।

उन्होंने भारत के मजबूत आर्थिक विकास पर बल देते हुए भविष्यवाणी की कि यह अगले दो दशकों में वैश्विक ऊर्जा मांग का 25 प्रतिशत पूरा करेगा। उन्होंने कहा कि जलवायु लक्ष्यों और ग्रामीण विकास को आगे बढ़ाते हुए इस मांग को पूरा करने में जैव ऊर्जा महत्वपूर्ण होगी।

पुरी ने कहा कि भारत की कृषि शक्ति और इसकी विशाल बायोमास क्षमता स्वच्छ ऊर्जा में परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि भारत में 750 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक बायोमास उपलब्ध है, जिसमें से लगभग दो-तिहाई का उपयोग घरेलू उद्देश्यों के लिए किया जाता है।

उन्होंने समन्वित नीतियों और राजनीतिक समर्थन के माध्यम से भारत की स्थिति एक प्रमुख जैव ईंधन उत्पादक और उपभोक्ता के रूप में मजबूत होने की बात कही।
पुरी ने ब्राजील के साथ भारत के सहयोग पर भी प्रकाश डाला और सतत जैव ऊर्जा और जैव ईंधन में संयुक्त प्रयासों के महत्व पर बल दिया। उन्होंने अंत में सभी हितधारकों से एक स्थायी जैव ऊर्जा क्षेत्र स्थापित करने के लिए सहयोग करने का आग्रह किया, जो ऊर्जा की जरूरतों को पूरा करता है और एक वैश्विक मानक स्थापित करता है।

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