हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक सप्ताह बाद मंगलवार को भारतीय निर्वाचन आयोग के प्रमुख राजीव कुमार ने महाराष्ट्र और झारखंड के विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया। चुनाव तारीखों के ऐलान के बाद, चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडियाकर्मियों के सवालों का जवाब दिया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान, उन्होंने हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से छेड़छाड़ के आरोपों का जवाब दिया। राजीव कुमार ने कहा, “अक्सर लोग कहते हैं कि पेजर को उड़ाया जा सकता है, तो ईवीएम को हैक क्यों नहीं किया जा सकता?”
ईवीएम के हैकिंग पर उन्होंने स्पष्ट किया कि “कुछ लोग तो यहां तक कह देते हैं कि पेजर को उड़ाया जा सकता है, तो ईवीएम हैक कैसे नहीं हो सकते हैं? ऐसे लोगों को समझना चाहिए कि पेजर कनेक्टेड होता है, जबकि ईवीएम कनेक्टेड नहीं होती।”
उन्होंने आगे बताया कि “पेजर बैटरी से जुड़ा होता है, लेकिन ईवीएम में कोई बैटरी नहीं होती। चुनाव से पहले ईवीएम की पोलिंग एजेंट्स की मौजूदगी में इतने स्तरों पर जांच की जाती है कि उसमें गड़बड़ी का कोई चांस नहीं है। वोटिंग से 5-6 दिन पहले ईवीएम की कमिशनिंग (सेटअप) होती है। इस दौरान उसमें बैटरी डाली जाती है और सिंबल पड़ते हैं। इसके बाद ईवीएम को सील किया जाता है, यहां तक कि बैटरी पर भी उम्मीदवार के एजेंट के दस्तखत होते हैं।”
राजीव कुमार ने यह भी कहा कि “ईवीएम में मोबाइल जैसी बैटरी नहीं होती, ये सिंगल यूज बैटरी होती है। कमीशन के बाद ईवीएम को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है, उस पर डबल लॉक लगाया जाता है। साथ ही उस स्ट्रॉन्ग रूम की तीन लेयर की सिक्योरिटी होती है।”
यह जानकारी चुनाव प्रक्रिया के प्रति लोगों की विश्वास को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जबकि चुनाव आयोग आगामी विधानसभा चुनावों के संचालन को सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।