सरकार रक्षा क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाने और भारत को नवाचार एवं प्रौद्योगिकी का केंद्र बनाने में निजी क्षेत्र को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगी: रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यशाला में निजी क्षेत्र से रक्षा क्षेत्र में ‘भागीदारी’ की ओर बढ़ने का आह्वान किया। उन्होंने भारत को नवाचार और प्रौद्योगिकी का केंद्र बनाने तथा इसे दुनिया के सबसे मजबूत देशों में से एक बनाने के लिए सरकार के पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया। यह कार्यक्रम रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) भवन में आयोजित किया गया था, जिसमें वैज्ञानिकों, उद्योग जगत के नेताओं, शिक्षाविदों, स्टार्ट-अप्स, एमएसएमई और युवा उद्यमियों ने भाग लिया।

रक्षा मंत्री ने कहा कि तकनीक ने पारंपरिक युद्ध को अपरंपरागत युद्ध में बदल दिया है। उन्होंने कहा, “आधुनिक युद्ध में ड्रोन, साइबर युद्ध, जैविक हथियार और अंतरिक्ष रक्षा जैसे नए आयाम जुड़े हैं। इस परिवर्तनकारी चरण में रक्षा में अनुसंधान और विकास निश्चित रूप से रक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाएगा।”

उन्होंने जोर दिया कि अब समय आ गया है कि निजी क्षेत्र आगे आए क्योंकि इसमें तेजी से हो रहे बदलावों को आत्मसात करने और नए नवाचार करने की क्षमता है।

राजनाथ सिंह ने सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि रक्षा क्षेत्र को और अधिक उन्नत और प्रौद्योगिकी-उन्मुख बनाने के लिए निरंतर प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने प्रौद्योगिकी विकास निधि (टीडीएफ) योजना का उल्लेख किया, जिसके तहत पात्र उद्योगों को अनुदान सहायता के रूप में कुल परियोजना लागत का 90 प्रतिशत तक प्रदान किया जा रहा है।

कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने ‘डेयर टू ड्रीम 5.0’ की शुरुआत की, जो रक्षा अनुप्रयोगों के लिए परिवर्तनकारी विचारों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से है। साथ ही, उन्होंने ‘डेयर टू ड्रीम 4.0’ के विजेताओं को भी सम्मानित किया।

रक्षा मंत्री ने निजी क्षेत्र से आग्रह किया कि वह दुनिया भर में हो रहे तकनीकी बदलावों की अभूतपूर्व गति के अनुरूप आगे बढ़े। उन्होंने टीडीएफ के तहत अत्याधुनिक तकनीक पर आधारित परियोजनाओं के विकास के लिए व्यापक स्कैन प्रणाली तैयार करने का भी आह्वान किया।

कार्यशाला में डीप-टेक चुनौतियों पर भी चर्चा की गई, जिसमें कॉम्पैक्ट इलेक्ट्रोमैकेनिकल एक्ट्यूएटर्स, स्वदेशी थ्रस्टर्स का विकास और डिजिटल ट्विन फ्रेमवर्क का निर्माण शामिल है।

इस अवसर पर टीडीएफ योजना के तहत विकसित कई स्वदेशी तकनीकें भी उपयोगकर्ताओं को सौंपी गईं, जो देश की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।

रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. समीर वी. कामत ने ‘डेयर टू ड्रीम 4.0’ के विजेताओं की प्रशंसा करते हुए देश में प्रतिभा को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।

कार्यक्रम में रक्षा मंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी और सैन्य नेता भी उपस्थित रहे।

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