अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने सिख अलगाववादी नेता गुरपतवंत सिंह पन्नू को समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने की कोशिश को लेकर कड़ी आलोचना की है। पन्नू ने एक वीडियो में महाकुंभ को निशाना बनाने की कथित तौर पर धमकी दी थी।
सोमवार को उत्तर प्रदेश और पंजाब पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में खालिस्तानी जिंदाबाद फोर्स के तीन आतंकवादी मारे गए थे। इसके बाद सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया, जिसमें महाकुंभ के प्रमुख स्नान तिथियों – 14 जनवरी (मकर संक्रांति), 29 जनवरी (मौनी अमावस्या) और 3 फरवरी (बसंत पंचमी) को बाधित करने की धमकी दी गई थी।
महंत रवींद्र पुरी का जवाब
प्रयागराज के महाकुंभ नगर में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने पन्नू के बयान पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा, “पन्नू नाम का जो व्यक्ति है, अगर वह हमारे प्रयागराज में आया तो उसे मार-मारकर भगाया जाएगा। हमने ऐसे पागल सैकड़ों की संख्या में देखे हैं।” उन्होंने आगे कहा, “यह प्रयागराज का मेला है, जहां जितने भी सिख और हिंदू हैं, वे सभी एक हैं। पन्नू ने जो समुदायों के बीच विभाजन की बात की है, वह उचित नहीं है। सिख समाज ने हमेशा सनातन धर्म को बचाए रखा है।”
सिख और हिंदू समुदाय की एकता पर जोर
महंत रवींद्र पुरी ने कहा, “हमारे यहां नागा साधुओं की तरह उनके (सिखों के) यहां भी नागा साधु होते हैं। ये दोनों एक ही हैं और सनातन धर्म के सैनिक हैं। इसलिए हम इन पागलों को गंभीरता से नहीं लेते।” उन्होंने पन्नू की धमकियों को ज्यादा महत्व न देने की बात की, क्योंकि पन्नू हमेशा विभाजनकारी भाषा का प्रयोग करता है और सनातन धर्म पर हमला करने की कोशिश करता है।
उग्रवादी तत्वों को नजरअंदाज करने की अपील
महंत ने यह भी कहा कि पन्नू की बातों को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए, क्योंकि वह हमेशा देश में विभाजन पैदा करने की कोशिश करता रहा है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अखाड़ा परिषद ऐसे उग्रवादी तत्वों को गंभीरता से नहीं लेता और उनका विरोध करता है।