नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री डॉ. एल मुरूगन ने कान्स फिल्म महोत्सव में भारत पवेलियन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ, सूचना और प्रसारण मंत्रालय में संयुक्त सचिव पृथुल कुमार व भारतीय फिल्म उद्योग के प्रमुख चेहरे उपस्थित थे।
इस अवसर पर राज्य मंत्री ने फिल्मी सितारों और अधिकारियों सहित भारत के प्रतिनिधियों की एक सभा को संबोधित किया। डॉ. मुरूगन ने कहा कि आज भारत 50 से अधिक भाषाओं में 3,000 से अधिक फिल्मों के निर्माण के साथ विश्व का सबसे बड़ा फिल्म निर्माता है। ये फिल्में कहानी कहने को लेकर पूरे विश्व में भारत की मजबूत स्थिति का एक संदेश देती हैं।
उन्होंने मुदुमलाई के प्रसिद्ध एलीफेंट व्हिस्परर्स का उदाहरण देकर यह रेखांकित किया कि आज अच्छी सामग्री की कोई सीमा नहीं है और हम एक ऐसा युग देख रहे हैं, जहां भारतीय सामग्री की प्रकृति स्थानीय से वैश्विक हो रही है।
डॉ. मुरुगन ने वैश्विक स्तर पर भारतीय फिल्मों और फिल्म निर्माताओं की हालिया शानदार सफलता का उल्लेख किया। उन्होंने आगे कहा कि आज एनीमेशन या वीएफएक्स के क्रेडिट में भारतीय नाम के बिना एक फिल्म ढूंढना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि हालिया वर्षों में भारतीय फिल्म उद्योग में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने और डिजिटल व स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों के उभरने के साथ महत्वपूर्ण परिवर्तन हुए हैं।
डॉ. मुरुगन ने बताया कि भारतीय मीडिया और मनोरंजन क्षेत्र साल 2023 में 11.4 फीसदी की असाधारण वृद्धि दर को प्राप्त करने के लिए तैयार है और इसका राजस्व 2.36 लाख करोड़ रुपये के चौंकाने वाले स्तर पर पहुंच गया है। यह उल्लेखनीय बढ़ोतरी तेजी से विकसित हो रहे डिजिटल परिदृश्य में भारत के मीडिया और मनोरंजन उद्योग की मजबूती व नए अवसर उत्पन्न करने की क्षमता का एक साक्ष्य है। उन्होंने आगे कहा कि कोविड महामारी के बाद भारत में कुल बॉक्स ऑफिस राजस्व साल 2021 के राजस्व की तुलना में 2022 में लगभग तीन गुना बढ़कर 1.3 बिलियन अमेरीकी डॉलर हो गया और इस आंकड़े की 2025 तक 3 बिलियन अमेरीकी डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
डॉ. मुरुगन ने भारत में फिल्म इकोसिस्टम को मजबूत करने की दिशा में मंत्रालय के किए गए उपायों का उल्लेख किया। डॉ. मुरूगन ने कहा कि डिजिटल इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, ग्रामीण टेलीकॉम कनेक्टिविटी और डेटा की वहनीयता व उपलब्धता के लिए सकारात्मक वातावरण का निर्माण करने वाले नीतिगत सुधारों के माध्यम से विभिन्न पहल एक रचनात्मक अर्थव्यवस्था की मजबूत नींव तैयार कर रही हैं। उन्होंने आगे कहा, “आईटी क्षेत्र की हमारी विशेष तकनीकी क्षमता प्रतिभाशाली कलाकारों की बड़ी संख्या के साथ मिल गई है, जो भारत को वैश्विक सिनेमा के लिए सामग्री निर्माता के रूप में सेवा करने के लिए सबसे उपयुक्त बनाती है। हमारी सरकार ने इस क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक कार्य बल का गठन किया था। इसके अलावा एवीजीसी के लिए एक राष्ट्रीय उत्कृष्टता केंद्र भी प्रस्तावित है।”
डॉ. मुरूगन ने भारत को विदेशी फिल्मों के लिए एक आकर्षक फिल्म स्थल के रूप में प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि सरकार भारत को शूटिंग, सह-निर्माण, एनीमेशन और कम लागत वाले पोस्ट-प्रोडक्शन के संबंध में अंतरराष्ट्रीय फिल्म उद्योग के लिए एक आकर्षक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. मुरुगन ने आशा व्यक्त की कि पिछले साल कान्स में केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा फिल्म प्रोत्साहन की घोषणा के बाद कान्स- 2023 में भारत की शानदार उपस्थिति इस प्रगति को और आगे ले जाएगी। भारत की जी-20 अध्यक्षता की तैयारियों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “हम संस्कृति और पर्यटन के महत्व पर विशेष जोर दे रहे हैं। हमारा उद्देश्य संस्कृति को समावेशी, स्थायी सामाजिक- आर्थिक सुधार और विकास के लिए एक प्रेरक शक्ति के रूप में स्थापित करने को लेकर मीडिया और मनोरंजन की शक्ति का लाभ उठाना है, जो सभी के लिए उज्जवल भविष्य का मार्ग तैयार करता है। एक पृथ्वी- एक परिवार- एक भविष्य ही आगे बढ़ने का निश्चित रास्ता है।”
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक वीडियो संदेश के माध्यम से सभा को संबोधित किया। अपने संदेश में मंत्री ने कहा कि ‘कान्स फिल्म महोत्सव’ ने न केवल हमारी सिनेमाई उत्कृष्टता को बढ़ावा दिया है बल्कि, भारत-फ्रांस संबंधों को मजबूत करने में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस साल पहली बार हमने कान्स फिल्म महोत्सव में भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों के प्रतिभाशाली फिल्म निर्माताओं के एक आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल को भेजा है। उन्होंने बताया कि हम देश के भीतर फिल्म निर्माण में क्षेत्रीय विविधता को मान्यता और बढ़ावा देते हैं, ऐसी स्थिति में यह विचार कान्स में भारत की समृद्ध सिनेमाई संस्कृति की गहराई व विविधता लाने के लिए है। उन्होंने श्रोताओं को सूचित किया कि भारतीय राष्ट्रीय फिल्म संग्रहालय ने इस साल कान्स क्लासिक श्रेणी में चुनी गई मणिपुरी भाषा की फिल्म ‘ईशानौ’ के नेगेटिव का डिजिटलीकरण कर दिया है।
अनुराग ठाकुर ने आगे कहा कि 3 अलग-अलग श्रेणियों में 3 फिल्मों को शॉर्टलिस्ट किया गया और उनमें से 2 को ऑस्कर प्राप्त हुआ- इससे विश्व ने भारतीय फिल्म उद्योग की रचनात्मकता, सामग्री और तकनीकी क्षमताओं को देखा है। उन्होंने आगे कहा कि दमदार कहानी, उच्चस्तरीय कौशल-आधारित सामग्री निर्माण व पोस्ट-प्रोडक्शन क्षमताओं और 16 देशों के साथ सह-निर्माण संधियों के साथ, भारत पूरे विश्व में फिल्म निर्माताओं के लिए एक आकर्षक स्थल के रूप में उभरा है।
इससे पहले फ्रांस में भारत के राजदूत जावेद अशरफ ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने कान्स और अन्य महोत्सवों में एक बड़ी व अधिक संगठित उपस्थिति के साथ भारतीय फिल्मों को बढ़ावा देने के लिए अधिक उत्साहजनक दृष्टिकोण का आह्वाहन किया। जावेद अशरफ ने आगे कहा कि लोगों की बड़ी संख्या में उपस्थिति भारतीय सिनेमा के स्तर और मजबूती के साथ न्याय करेगी।
कान्स फिल्म महोत्सव के कार्यकारी निदेशक गुइलौम एस्मिओल ने कहा कि एक मजबूत बाजार होने के साथ फिल्म उद्योग के स्तर को देखते हुए भारत वैश्विक फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण देश है।
इसके अलावा इस कार्यक्रम के दौरान नवंबर, 2023 में गोवा में आयोजित होने वाले 54वें भारतीय फिल्म महोत्सव के पोस्टर और ट्रेलर का अनावरण भी किया गया।