पूर्णिया: बिहार के पूर्णिया जिले की ब्यूटी कुमारी की कहानी एक संघर्ष और सफलता का अद्भुत उदाहरण है। वह एक साधारण किसान परिवार से हैं, जहां संसाधनों की कमी हमेशा चुनौती रही। उनके पिता प्रमोद कुमार ने अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए अपनी जमीन तक बेच दी, ताकि वह बेहतर शिक्षा प्राप्त कर सके। यह निर्णय परिवार के लिए कठिन था, लेकिन ब्यूटी के माता-पिता ने शिक्षा को प्राथमिकता दी। उनकी मां वीणा देवी भी हर कदम पर ब्यूटी की मदद करती रहीं।
पहले प्रयास में बीपीएससी पास कर बनीं अधिकारी
हाल ही में घोषित बीपीएससी परीक्षा में ब्यूटी ने 112वीं रैंक हासिल की और फाइनेंशियल पदाधिकारी के पद पर चयनित हुईं। यह सफलता खास है क्योंकि उन्होंने पहले ही प्रयास में इस कठिन परीक्षा को पास किया। ब्यूटी ने बताया कि वह रोजाना 8 घंटे पढ़ाई करती थीं और पूरी मेहनत से लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित किया। उनका कहना है कि बचपन से ही वह पढ़ाई में अव्वल रही हैं। बीपीएससी की सफलता ने न केवल उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गर्व से भर दिया है।
असफलता से मिली प्रेरणा
ब्यूटी ने साझा किया कि इससे पहले वह यूपीएससी परीक्षा में दो बार असफल हो चुकी थीं, लेकिन इन असफलताओं ने उन्हें और अधिक मेहनत करने की प्रेरणा दी। यूपीएससी में असफल होने के बाद उन्होंने बीपीएससी की तैयारी शुरू की और पहले ही प्रयास में सफलता प्राप्त की। ब्यूटी का मानना है कि असफलता केवल एक सीखने का अवसर है। उनका कहना है कि उनका अंतिम लक्ष्य अभी बाकी है, और वह यूपीएससी पास कर अपने सपने को पूरा करना चाहती हैं।
पूरे गांव में खुशी का माहौल
ब्यूटी की सफलता से न केवल उनका परिवार, बल्कि पूरा गांव खुश है। उनके पिता के संघर्ष और ब्यूटी की मेहनत आज कई लोगों के लिए प्रेरणा बन गई है। एक साधारण किसान परिवार से निकलकर अधिकारी बनने का सफर आसान नहीं था, लेकिन ब्यूटी ने अपने सपनों को साकार किया। उनका कहना है, “शिक्षा सबसे बड़ी ताकत है। अगर आप दृढ़ संकल्प और मेहनत से काम करें, तो कोई भी लक्ष्य दूर नहीं।” ब्यूटी की कहानी यह साबित करती है कि कठिनाई चाहे जैसी भी हो, अगर आत्मविश्वास और मेहनत हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।