अरवल। साइबर थाना कांड संख्या 1720 में वादी राजेश कुमार सिंह की शिकायत पर बड़ा खुलासा हुआ है। शिकायत के अनुसार, उनका मोबाइल कहीं गिर गया था, जिसके बाद उनके बैंक खाते से ₹60,000 की अवैध निकासी हो गई। मामले की जांच करते हुए अनुसंधानकर्ता इंस्पेक्टर सुनीता कुमारी ने पाया कि वादी के खाते से निकली रकम बैंक ऑफ महाराष्ट्र के एक खाते में ट्रांसफर की गई थी।
गहन जांच के दौरान, यह खुलासा हुआ कि संबंधित बैंक खाता छह महीने पहले “गो फास्ट एजेंसी” के नाम से खोला गया था, जिसकी प्रोपराइटर अपर्णा मिस्त्री हैं। इस खाते में छह महीने के भीतर लगभग ₹8 करोड़ का लेन-देन हुआ, जो संदिग्ध पाया गया।
जांच के क्रम में अपर्णा मिस्त्री को नोटिस देकर बुलाया गया। उनसे पूछताछ के दौरान संतोषजनक उत्तर नहीं मिले। उनके तीन मोबाइल फोन जब्त किए गए। जांच से यह भी पता चला कि इनकी फर्जी कंपनी के नाम पर कई करंट अकाउंट खोले गए थे, जिनका उपयोग साइबर ठगी के लिए किया जाता था।
इसके अलावा, अपर्णा मिस्त्री के नाम पर इंडियन बैंक और यश बैंक में भी खाते मिले, जिनमें भारी लेन-देन किए गए। इंडियन बैंक के खाते में एक माह का लेन-देन ₹70 लाख का था।
मामले में बैंक ऑफ महाराष्ट्र के खाते के इंट्रोड्यूसर सुनील मंडल को भी गिरफ्तार किया गया। सुनील मंडल के नाम पर “शिवशक्ति इंटरप्राइजेज” नामक एक फर्जी कंपनी का संचालन किया जा रहा था। उनकी संलिप्तता के प्रमाण मिलने के बाद, उनसे पूछताछ में कई अन्य संदिग्धों के नाम भी सामने आए हैं।
साइबर ठगी में बड़ा गिरोह सक्रिय
जांच से यह स्पष्ट हो रहा है कि यह एक संगठित गिरोह है, जो फर्जी कंपनियों के जरिए कई बैंक खाते खोलकर साइबर ठगी में लिप्त है। पुलिस ने अब तक कई सबूत जुटाए हैं और गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।
पुलिस का बयान:
“हमारी जांच जारी है और जल्द ही गिरोह के अन्य सदस्यों को भी गिरफ्तार किया जाएगा,” अधिकारी ने कहा।
साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहें:
पुलिस ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपने मोबाइल और बैंकिंग डिटेल्स को सुरक्षित रखें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।