नई दिल्ली। नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने सोमवार को नागरिक उड्डयन मंत्रालय (एमओसीए) के सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ #UDAN (उड़े देश का आम नागरिक) योजना के सफल 8 वर्षों का समारोह मनाने वाले एक विशेष कार्यक्रम में भाग लिया। इस योजना ने दूरस्थ और क्षेत्रीय कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण मील के पत्थर हासिल किए हैं।
मंत्री ने अपने संबोधन में इस बात पर जोर दिया कि UDAN ने भारत के दूरदराज के हिस्सों को वैश्विक गंतव्यों से जोड़ने वाली हवाई यात्रा में क्रांति लाई है। इस योजना के अंतर्गत 601 रूट और 86 हवाई अड्डे कार्यान्वित हैं, और अब तक 14,400,000 यात्री इस योजना का लाभ उठा चुके हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल, 2017 को शिमला से दिल्ली को जोड़ने वाली पहली आरसीएस-यूडीएएन उड़ान का उद्घाटन किया था। यह योजना देश के अल्पसेवित क्षेत्रों के असेवित हवाई मार्गों को सुधारने और आम नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने पर केंद्रित है।
आरसीएस-यूडीएएन ने अब तक 14.4 लाख से अधिक यात्रियों की यात्रा को सुविधा प्रदान की है, जो हवाई यात्रा की पहुंच को बढ़ाने में अपनी सफलता को दर्शाता है। यह योजना नागरिक उड्डयन इंडस्ट्री के विकास में भी सहयोग कर रही है, जिससे पिछले सात वर्षों में कई नई और सफल एयरलाइन कंपनियां सामने आई हैं।
इस योजना ने एयरलाइन ऑपरेटरों को एक संपोषित व्यवसाय मॉडल शुरू करने और विकसित करने में मदद की है। इसके साथ ही, यह छोटी क्षेत्रीय एयरलाइनों जैसे फ्लाईबिग, स्टार एयर, इंडियावन एयर और फ्लाई91 को अपने व्यवसाय को बढ़ाने के अवसर प्रदान कर रही है।
योजना के क्रमिक विस्तार ने नए विमानों की बढ़ती मांग को जन्म दिया है, जिसमें हेलीकॉप्टर, समुद्री विमान, 3-सीट प्रोपेलर विमान और जेट विमान शामिल हैं। वर्तमान में, एयरबस 320/321, बोइंग 737, एटीआर 42 और 72, आदि जैसे विमानों का विविध बेड़ा आरसीएस रूट्स पर सक्रिय रूप से सेवा दे रहा है।
आरसीएस-यूडीएएन न केवल टियर-2 और टियर-3 शहरों में कनेक्टिविटी देने के लिए समर्पित है, बल्कि यह बढ़ते पर्यटन क्षेत्र में भी एक प्रमुख योगदानकर्ता के रूप में खड़ा है। यूडीएएन 3.0 ने पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई गंतव्यों को जोड़ने वाले पर्यटन मार्गों की शुरुआत की है, जबकि यूडीएएन 5.1 पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यटन, आतिथ्य और स्थानीय आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने हेतु हेलीकॉप्टर सेवाओं के विस्तार के लिए समर्पित है।
इस पहल ने खजुराहो, देवघर, अमृतसर और किशनगढ़ (अजमेर) जैसी जगहों को सफलतापूर्वक जोड़ा है। इसके अलावा, यह योजना भारत के विमान मार्ग में अगत्ती द्वीप को जोड़ने में भी सफल रही है, जिससे लक्षद्वीप में पर्यटन को और बढ़ावा मिला है।
मुंद्रा (गुजरात) से लेकर अरुणाचल प्रदेश में तेजू और हिमाचल प्रदेश में कुल्लू से लेकर तमिलनाडु में सेलम तक, आरसीएस-यूडीएएन ने देश भर में 34 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को जोड़ा है। यूडीएएन के अंतर्गत कुल 86 हवाई अड्डों का संचालन किया गया है, जिससे देश में हवाई यात्रा की पहुंच में सुधार हुआ है।