मानव में व्याप्त दुर्भावनाओ लालच झूट कपट चुंगली मन का सबसे बड़ा शत्रु है: दिव्य सागर महाराज

मिथिलेश सौरभ
ठकराहाँ। ठकराहा के सुप्रसिद्ध मां सोना भवानी मंदिर परिसर में चल रहे नौ दिवसीय श्री शतचंडी महायज्ञ के प्रथम दिन भव्य कलश यात्रा के उपरांत मंडप पूजन पंचांग पूजन एवं कलश स्थापन किया। रात्रि में देवी भागवत महापुराण कथा का शुभारंभ महायज्ञ के यजमान ठकराहा मुखिया सोभा देवी और उनके पति वीरेंद्र तिवारी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पहले दिन दूर-दराज से से आए श्रद्धालुओं ने कथा सुनी। देवी भागवत कथा के प्रथम दिन सभी देवों की अराधना की गई।हरिद्वार से आये कथा वाचक दिव्य सागर महाराज ने कहा की जहा स्वच्छता होती है वही प्रमात्मा का वास होता है मानव में व्याप्त दुर्भावनाओ लालच झूट कपट चुंगली मन का सबसे बड़ा शत्रु है।वही उन्होंने कहा की जिसका मन निर्मल होता है देवी की कृपा उसी पर होती है,देवी भागवत कथा मोक्षदायनी मंदाकिनी है इसमें गोता लगाने वाले आध्यात्मिक एंवम शांत और शालीन होते है। मां दुर्गा की कथा श्रवण से मनुष्य के सभी पाप एवं कष्ट दूर हो जाते हैं। अपने कार्यो की सिद्धी के लिए भगवान राम ने भी मां की उपासना की थी। पूरे विश्व में भारत ही एक ऐसा देश है जहां नारी की पूजा होती है और जहा नारी की पूजा होती है वहा सभी देवी और देवताओं का वास होता है।

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