नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा है कि हाथी संरक्षण से मानव समाज को लाभ होगा और इससे जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान में भी मदद मिलेगी। असम के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में गज उत्सव का उद्घाटन करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि हाथी बिना कारण कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाते। उन्होंने कहा कि मानव-हाथी संघर्ष को सुलझाने का दायित्व मनुष्यों पर है। राष्ट्रपति ने कहा कि ऑस्कर पुरस्कार विजेता वृत्तचित्र- एलिफैंट व्हिस्पर्स में प्रकृति के प्रति प्रेम का बखूबी चित्रांकन किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारे देश में हाथी को प्रगति का प्रतीक माना जाता है और उनका संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है। श्रीमती मुर्मू ने कहा कि मनुष्य की तरह हाथी भी परिवार बनाकर रहना चाहते हैं। उन्होंने वन अधिकारियों और संबंधित विभागों से बिछड गए जंगली हाथियों को उनके परिवार में वापस लाने के प्रयास करने का आग्रह किया। राष्ट्रपति ने कहा कि दो विश्व विरासत स्थल- काजीरंगा और मानस राष्ट्रीय उद्यान पूरे विश्व के लिए गौरव स्थल हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि गज उत्सव के आयोजन के लिए काजीरंगा बिल्कुल सही स्थल है, क्योंकि देश में हाथियों की दूसरी बडी आबादी असम में है।
केन्द्रीय पर्यावरण और वन मंत्री भूपेन्द्र यादव ने काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के नैसर्गिक सौंदर्य की सराहना की। उन्होंने कहा कि मानव-हाथी संघर्ष के समाधान के प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने देश में वन्य जीवों के संरक्षण में स्थानीय समुदाय की सक्रिय भूमिका पर बल दिया।
असम के मुख्यमंत्री हिमन्ता बिस्व सरमा ने कहा कि हाथी हमारी संस्कृति और परम्परा का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि असम सरकार ने विभिन्न विभागों के साथ मिलकर वन्य जीवन के संरक्षण के लिए अनेक उपाय किये हैं। श्री सरमा ने कहा कि सर्वाधिक प्राथमिकता मनुष्य- पशु संघर्ष के समाधान को दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि असम में अतिक्रमण हटाने के भी उपाय किये गए हैं। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू गुवाहाटी में गौहाटी उच्च न्यायालय के प्लेटिनम जुबली समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लेंगी। वे गुवाहाटी में माउंट कंचनजंघा अभियान का भी शुभारंभ करेंगी।