जम्मू संभाग के कठुआ जिले के सुफैन जंगल में गुरुवार, 27 मार्च की रात सुरक्षा बलों और आतंकवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई। इस एनकाउंटर में जम्मू-कश्मीर पुलिस के तीन कर्मियों ने अपनी जान गंवाई और तीन पाकिस्तानी आतंकवादी मारे गए।
एनकाउंटर में डीएसपी धीरज कटोच, दो अन्य पुलिसकर्मी और 1 पैरा एसएफ जवान घायल हुए हैं। सेना ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी है और अतिरिक्त बलों को तैनात किया गया है। जान गंवाने वाले पुलिसकर्मियों में एक हेड कांस्टेबल और दो कांस्टेबल शामिल हैं। ऑपरेशन जारी होने के कारण शवों को घटनास्थल से निकाला नहीं जा सका है। घायल सुरक्षाकर्मियों को कठुआ और जम्मू के अस्पतालों में भर्ती किया गया है, जहां उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
मुठभेड़ की शुरुआत कैसे हुई?
मुठभेड़ गुरुवार सुबह उस समय शुरू हुई जब सुरक्षा बलों ने राजबाग के घाटी जुथाना इलाके में जाखोले गांव के पास आतंकवादियों को देखा। यह माना जा रहा है कि ये आतंकी उसी समूह का हिस्सा थे, जो कुछ दिन पहले पाकिस्तान सीमा के पास हीरानगर सेक्टर के सान्याल गांव में देखा गया था और गोलीबारी के बाद वे भागने में सफल हो गए थे।
सुफैन के जंगल सान्याल गांव से लगभग 35 किमी दूर स्थित हैं। हीरानगर सेक्टर में सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों को एक सुदूर पहाड़ी झोपड़ी में घेर लिया था, लेकिन वे भागने में सफल हो गए। इसके बाद पूरे इलाके में गहन तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, जिसमें पुलिस, सेना, एनएसजी, बीएसएफ, और सीआरपीएफ के साथ हेलीकॉप्टर, ड्रोन, बुलेटप्रूफ वाहनों और खोजी कुत्तों की मदद से बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान जारी है।
तलाशी अभियान और संदिग्ध सामान
सुरक्षाबलों को तलाशी के दौरान एक एम4 कार्बाइन की चार भरी हुई मैगजीन, दो ग्रेनेड, एक बुलेटप्रूफ जैकेट, स्लीपिंग बैग, ट्रैकसूट और आईईडी बनाने की सामग्री मिली थी। इसके बाद डिंगा अंब गांव की एक महिला ने दो आतंकियों को पानी मांगते हुए देखा था, जिसके बाद तलाशी अभियान और तेज कर दिया गया।
यह ऑपरेशन अभी भी जारी है और इलाके में सुरक्षा स्थिति कड़ी बनी हुई है।