नई दिल्ली: शंभू सीमा पर किसानों का दिल्ली कूच का प्रयास एक बार फिर विफल हो गया है। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने आंसू गैस के गोले छोड़े जाने और कुछ किसानों के घायल होने के बाद किसानों के जत्थे को वापस बुलाने का ऐलान किया है। पंढेर ने केंद्र सरकार पर किसानों के साथ दुश्मनी जैसा व्यवहार करने का आरोप लगाया है।
किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने बताया कि अब 101 किसानों का जत्था रविवार दोपहर 12 बजे दिल्ली की ओर बढ़ेगा। उन्होंने बताया कि यह निर्णय हरियाणा पुलिस के एसपी से हुई बातचीत के बाद लिया गया है। पंढेर ने कहा कि उन्होंने एसपी से केंद्र सरकार से वार्ता करने की मांग की है, विशेष रूप से कृषि मंत्री से बातचीत की इच्छा जताई है। पुलिस अधिकारी ने आश्वासन दिया है कि किसानों की मांग को केंद्र सरकार तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद किसानों ने केंद्र सरकार को एक दिन का समय दिया है और इस दौरान वे अपने घायल साथियों की देखभाल करेंगे।
शुक्रवार को 101 किसानों का एक जत्था शंभू सीमा से दिल्ली की ओर पैदल मार्च पर निकला था, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने बहुस्तरीय बैरिकेडिंग लगाकर उन्हें रोक दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के बीच तनातनी हुई और सुरक्षाकर्मियों ने आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसमें 5-6 किसान घायल हो गए।
हरियाणा सरकार ने किसानों के आंदोलन को देखते हुए अंबाला जिले में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है और पांच या उससे अधिक लोगों के किसी भी गैरकानूनी जमावड़े पर प्रतिबंध लगा दिया है। इसके अलावा, जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवाएं भी 9 दिसंबर तक के लिए निलंबित कर दी गई हैं।
किसान फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। वे केंद्र सरकार से इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करने और उनकी मांगों को मानने की अपील कर रहे हैं।
शंभू सीमा पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है। किसान नेता और हरियाणा पुलिस के अधिकारी बातचीत कर रहे हैं, लेकिन अभी तक कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। किसानों ने एक दिन का संघर्ष विराम किया है, लेकिन अगर उनकी मांगें पूरी नहीं की जातीं, तो वे फिर से आंदोलन तेज कर सकते हैं।