लालू यादव का नाम कैसे पड़ा था ‘लालू’? जानें पूरी कहानी

पटना,राजद अध्यक्षऔर पूर्व केंद्रीय मंत्री लालू प्रसाद यादवका आज (11 जून) बर्थडे है. राष्ट्रीय जनता दल ने लालू यादव के 76वें बर्थडे के लिए खास तैयारी की है. राजनीति में अपने अलग अंदाज के लिए मशहूर लालू प्रसाद यादव से जुड़े कई किस्से हैं लेकिन आज हम उनके बर्थडे पर जिसकी बात करने जा रहे हैं वह दिलचस्प है. क्या आपको पता है कि बचपन में लालू यादव का नाम ‘लालू’ नहीं था. आइये जानते हैं कि लालू प्रसाद यादव का नाम ‘लालू’ आखिर कैसे पड़ा था और पहले उन्हें किस नाम से बुलाया जाता था.

लालू यादव के बचपन के दिनों की कहानी उनकी बहन गंगोत्री देवी ने एक इंटरव्यू के दौरान बताई थी.. बकौल गंगोत्री देवी, ‘लालू हम सभी बहन-भाइयों में सबसे छोटा था. बचपन में वह बहुत गोरा और गोल-मटोल था. बचपन में लालू यादव अपनी भैंस चराया करता था. कड़ी धूप में जब वह भैंस चराकर घर लौटता था, तब उनका चेहरा लाल हो जाता था. इसे देखते हुए पिता पिता कुंदन राय ने उसका नाम ‘लालू’  रख दिया. इससे पहले उसे लोग प्रसाद कहकर बुलाया करते थे.’

लालू यादव के बचपन के दिनों को याद करते हुए गंगोत्री देवी ने बताया था कि अन्य भाई-बहनों की अपेक्षा मैं ‘प्रसाद’ के साथ ज्यादा रहती थी. जब कभी किसी भाई-बहन द्वारा हमें परेशान किया जाता था, हम दोनों मिलकर उनकी पिटाई कर देते थे. इस वजह से सभी भाई मुझे ‘भाई’ कहकर ही बुलाते थे.. वे कहते थे कि हम छह नहीं सात भाई हैं.

बहुत कम ही लोगों को यह पता होगा कि सीएम बनने के बाद भी लालू यादव चपरासी क्वार्टर में रहते थे. लालू यादव का बचपन गरीबी में बीता. उनके पिता खेतिहर मजदूर थे. लालू के भाई कि चपरासी में नौकरी लगी, उसके बाद वह भी उनके साथ चपरासी क्वार्टर में रहने लगे. बताया जाता है कि बिहार का मुख्यमंत्री बनने के बाद भी लालू यादव करीब चार महीनों तक उसी चपरासी क्वार्टर में रहें.

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