केरल पुलिस ने AI की मदद से 19 वर्षों के बाद 2006 के एक हत्या के मामले को सुलझाया

Kerala police solves a 2006 murder case after 19 years with the help of AI

तिरुवनंतपुरम: केरल पुलिस ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हुए 2006 में हुई एक हत्याकांड के मामले को सुलझा लिया है, जिसमें दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी सुनिश्चित की गई है। यह मामला 19 साल पुराना था, जिसमें एक महिला और उसके जुड़वां बच्चों की हत्या की गई थी।

घटना का विवरण
10 फरवरी 2006 को केरल के कोल्लम जिले के आंचल कस्बे में एक भयावह घटना घटी। संतम्मा पंचायत कार्यालय से घर लौट रही महिला ने घर पहुंचने पर देखा कि उसकी बेटी रंजिनी और उसके 17 दिन के जुड़वां बच्चे खून से लथपथ पड़े थे और उनके गले कटे हुए थे। इस खौफनाक दृश्य ने सभी को झकझोर दिया। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, लेकिन संदिग्धों के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं मिल पाई। हालांकि, दिविल कुमार और राजेश नामक दो सैन्यकर्मियों पर हत्या का आरोप था, लेकिन उन्हें पकड़ने में सफलता नहीं मिली और मामला ठंडा पड़ गया।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
2023 में केरल पुलिस की तकनीकी खुफिया शाखा ने इस पुरानी हत्या के मामले की पुनः जांच शुरू करने का निर्णय लिया। इस बार उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सहारा लिया और पुराने आरोपियों की तस्वीरों को बेहतर बनाने के लिए AI का इस्तेमाल किया, ताकि यह अनुमान लगाया जा सके कि 19 साल बाद वे कैसे दिखेंगे।

सोशल मीडिया से मिली मदद
इस तकनीकी प्रक्रिया के बाद, एक शादी की तस्वीर सोशल मीडिया पर सामने आई, जो संदिग्ध से 90% मेल खाती थी। यह तस्वीर पुडुचेरी के एक व्यक्ति की थी, जिसकी पहचान प्रवीण कुमार के रूप में हुई। इस जानकारी ने जांच को नया मोड़ दिया और आरोपी राजेश की पहचान स्पष्ट हुई। इस खोज ने पुलिस को आगे बढ़ने में मदद की और उन्हें आरोपी दिविल कुमार के बारे में भी जानकारी मिली।

गिरफ्तारी और मामले का खुलासा
केरल पुलिस की तकनीकी खुफिया शाखा ने AI के माध्यम से आरोपी की तस्वीरों को सोशल मीडिया से मेल खाकर पहचान लिया। राजेश और दिविल कुमार को आखिरकार 19 साल बाद 4 जनवरी 2025 को पुडुचेरी से गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपियों ने नई पहचान बना ली थी और इंटीरियर डिजाइनर के तौर पर काम कर रहे थे। दिविल ने खुद का नाम विष्णु रख लिया था, जबकि राजेश प्रवीण कुमार के नाम से रह रहा था।

हत्या के कारण
जांच में यह सामने आया कि रंजिनी और दिविल कुमार के बीच रिश्ते थे, लेकिन जब रंजिनी ने दिविल को अपनी गर्भावस्था के बारे में बताया, तो दोनों के बीच संबंधों में तनाव आ गया। दिविल ने रंजिनी को छोड़ दिया और पठानकोट में रहने लगा। रंजिनी ने जुड़वां बेटियों को जन्म दिया, और जब उसने दिविल से बच्चों के डीएनए परीक्षण का दबाव डाला, तो दिविल और राजेश ने मिलकर उसकी हत्या की साजिश रची।

हत्या का तरीका
जनवरी 2006 में, रंजिनी ने तिरुवनंतपुरम के एक अस्पताल में जुड़वां बेटियों को जन्म दिया। इसके बाद, राजेश ने रंजिनी की मां को किसी सरकारी काम के लिए पंचायत कार्यालय बुलाया, ताकि उस दौरान वह अपनी बेटी और उसके बच्चों की हत्या कर सके। हत्या के बाद, आरोपियों ने शवों को छोड़कर फरार हो गए। पुलिस ने जांच की तो पाया कि दोनों आरोपी पहले से ही सैन्य शिविर में तैनात थे, लेकिन वे घटना के बाद भाग गए थे।

पुलिस की कार्रवाई और AI की सफलता
एडीजीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मनोज अब्राहम ने इस सफलता के बारे में बताया कि पुलिस ने AI का उपयोग करके आरोपी की पुरानी तस्वीरों को क्रमशः पुराना किया और फिर उन्हें सोशल मीडिया पर उपलब्ध तस्वीरों से मेल खाकर पहचानने की कोशिश की। इस तकनीक से जांचकर्ताओं को अंततः दोनों आरोपियों के ठिकाने का पता चला और गिरफ्तारियां हो पाईं।

यह मामला AI के सफल उपयोग का एक बेहतरीन उदाहरण साबित हुआ, जो पुराने और ठंडे मामलों को भी सुलझाने में मदद कर सकता है।

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