खादी और ग्रामोद्योग आयोग ने ‘खादी: आजादी का वस्त्र, फैशन की भाषा’ प्रदर्शनी का किया शुभारंभ

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने शुक्रवार को गाँधी-किंग मेमोरियल प्लाजा, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर (आईआईसी), नई दिल्ली में ‘खादी: आजादी का वस्त्र, फैशन की भाषा’ थीम पर आधारित खादी प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। इस अवसर पर आईआईसी के निदेशक श्री के.एन. श्रीवास्तव भी उपस्थित थे। यह प्रदर्शनी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘खादी फॉर फैशन’ विजन को विस्तार देती है और 22 अक्टूबर तक सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक चलेगी।

प्रदर्शनी में खादी की यात्रा को दर्शाया गया है, जिसमें महात्मा गांधी द्वारा स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान हाथ से काते गए कपड़ों से लेकर आज के स्थिरता और आधुनिक फैशन के प्रतीक के रूप में खादी की वर्तमान स्थिति का चित्रण किया गया है। खादी के लिए उत्कृष्टता केंद्र (सीओईके) और राष्ट्रीय फैशन प्रौद्योगिकी संस्थान (निफ्ट) के सहयोग से आयोजित इस प्रदर्शनी में खादी के कपड़े, साड़ियाँ, घरेलू वस्त्र और समकालीन डिज़ाइन के उत्पाद प्रदर्शित किए गए हैं।

इस अवसर पर मीडिया को संबोधित करते हुए, केवीआईसी अध्यक्ष श्री मनोज कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था, “मैं चरखे पर खींचे जाने वाले हर धागे में ईश्वर को देखता हूं।” उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में ‘चरखा क्रांति’ के माध्यम से खादी कारीगरों की आय बढ़ाने के लिए किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि खादी ने बापू के नेतृत्व में स्वतंत्रता के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और आज यह फैशन का प्रतीक बन गई है।

श्री मनोज कुमार ने बताया कि पीएम मोदी के नेतृत्व में खादी का कारोबार वित्त वर्ष 2023-24 में 1 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के पार पहुँच गया है, जो 10 वर्ष पहले मात्र 31 हजार करोड़ रुपये था। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री जी के लोकप्रिय कार्यक्रम ‘मन की बात’ ने खादी वस्त्रों को युवाओं के बीच एक नया स्टेटस सिंबल बना दिया है।

प्रदर्शनी में मुख्य आकर्षणों में शामिल हैं:

खादी टाईमलाइन: यह डिस्प्ले भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में खादी की भूमिका को दर्शाता है।
एक्सपीरियंस सेंटर: यहाँ बारडोली और पेटी चरखे के उपयोग द्वारा कताई प्रक्रिया का सजीव प्रदर्शन किया गया है।
आधुनिक डिजाइन: खादी के उत्कृष्टता केंद्र द्वारा डिजाइन की गई रचनाएँ, जो परंपरा और आधुनिकता का संयोजन हैं।
खादी रीटेल स्टॉल्स: खादी के असली उत्पादन और नए डिज़ाइन बिक्री के लिए उपलब्ध होंगे।
श्री मनोज कुमार ने सभी देशवासियों से अपील की कि वे त्योहारों के इस मौसम में अधिक से अधिक खादी उत्पादों की खरीदारी करें, जिससे त्योहारों की खुशियाँ कारीगरों और शिल्पकारों के घरों तक पहुँच सकें।

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