नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अभिनेता मनोज कुमार के निधन पर दुख व्यक्त किया

New Delhi: President Draupadi Murmu expressed grief over the demise of actor Manoj Kumar

नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मशहूर अभिनेता मनोज कुमार के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर लिखा कि “मनोज कुमार हमारी स्मृति में हमेशा के लिए अंकित रहेंगे।”

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, “अभिनेता और फिल्मकार मनोज कुमार के निधन से बहुत दुख हुआ। उन्होंने भारतीय सिनेमा पर अमिट छाप छोड़ी है। अपने लंबे और प्रतिष्ठित करियर के दौरान वे अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए प्रसिद्ध थे, जो भारत के योगदान और मूल्यों पर गर्व की भावना को बढ़ावा देती थीं।”

राष्ट्रपति ने आगे कहा, “मनोज कुमार ने जिन राष्ट्रीय नायकों, किसानों और सैनिकों के प्रतिष्ठित चरित्रों को जीवंत किया, वे हमारी सामूहिक स्मृति में हमेशा के लिए अंकित रहेंगे। उनका सिनेमा हमेशा राष्ट्रीय गौरव को जागृत करेगा और आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। मैं उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं।”

प्रधानमंत्री मोदी ने भी व्यक्त की संवेदना
राष्ट्रपति से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी दिवंगत अभिनेता के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं। प्रधानमंत्री ने एक्स पोस्ट में लिखा, “महान अभिनेता और फिल्मकार मनोज कुमार के निधन से बहुत दुख हुआ। वे भारतीय सिनेमा के प्रतीक थे, जिन्हें खास तौर पर उनकी देशभक्ति और जोश के लिए याद किया जाता था, जो उनकी फिल्मों में भी झलकता था। मनोज जी के कामों ने राष्ट्रीय गौरव की भावना को जगाया और वे पीढ़ियों को प्रेरित करते रहेंगे। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार और प्रशंसकों के साथ हैं।”

मनोज कुमार का निधन
देशभक्ति फिल्मों के माध्यम से दर्शकों के दिलों में अपनी अलग पहचान बनाने वाले अभिनेता मनोज कुमार का 87 वर्ष की आयु में निधन हो गया। उन्होंने शुक्रवार सुबह मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में अंतिम सांस ली।

मनोज कुमार का शानदार करियर
मनोज कुमार ने बॉलीवुड को ‘उपकार’, ‘पूरब-पश्चिम’, ‘क्रांति’, ‘रोटी-कपड़ा और मकान’ जैसी कई सफल फिल्में दीं। इन फिल्मों के कारण उन्हें दर्शकों के बीच ‘भारत कुमार’ के नाम से भी जाना जाता था। उनका जन्म 24 जुलाई 1937 को ऐबटाबाद (जो अब पाकिस्तान का हिस्सा है) में हुआ था। बंटवारे के बाद वे अपने परिवार के साथ भारत आकर दिल्ली में बस गए थे।

मनोज कुमार को उनके शानदार योगदान के लिए 7 फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे। फिल्म ‘उपकार’ को 1968 में बेस्ट फिल्म, बेस्ट डायरेक्टर, बेस्ट स्टोरी और बेस्ट डायलॉग के लिए चार फिल्मफेयर पुरस्कार मिले थे। 1992 में उन्हें पद्मश्री और 2016 में दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी नवाजा गया।

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