नई दिल्ली.राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गोंडवाना विश्वविद्यालय की छात्राओं की उपलब्धियों की सराहना की है और इसे महिला सशक्तिकरण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम बताया है। वे आज गोंडवाना विश्वविद्यालय के 10वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थीं। राष्ट्रपति ने आशा प्रकट की कि छात्राओं द्वारा दीक्षांत समारोह में बडी संख्या में स्नातक उपाधियां ग्रहण करने और गोल्ड मेडल जीतने से अन्य बालिकाओं को प्रेरणा मिल रही है। आज के दीक्षांत समारोह में स्नातकों में 45 प्रतिशत और गोल्ड मेडल जीतने वालों में 61 प्रतिशत से अधिक छात्राएं शामिल थीं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि गोंडवाना विश्वविद्यालय शिक्षा के माध्यम से जनजातीय और उपेक्षित विद्यार्थियों के लिए नए अवसर प्रदान कर रहा है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय वन संसाधनों, खनिज संसाधनों, जनजातीय समुदाय की कला, स्थानीय कला और क्षेत्र की संस्कृति के विकास और संरक्षण के लिए काम कर रहा है। महाराष्ट्र के गढ़चिरौली में स्थित गोंडवाना विश्वविद्यालय में बडी संख्या में जनजातीय विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।
इस अवसर पर महाराष्ट्र के राज्यपाल रमेश बैस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विश्वविद्यालय के कुलपति डॉक्टर प्रशांत बाकरे मौजूद थे। दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि बांस शिल्प, वन प्रबंधन जैसे पाठ्यक्रम गोंडवाना विश्वविद्यालय में शुरू किए गए हैं ताकि अनुभव से सीखने को प्रोत्साहित किया जा सके। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जनजातीय अनुसंधान केंद्र काम कर रहा है। राष्ट्रपति ने कहा कि बड़ी संख्या में जनजातीय जिलों को आकांक्षी जिले घोषित किया गया है। उन्होंने कहा कि इन जिलों के विकास के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी है। इस अवसर पर राष्ट्रपति ने वर्चुअल माध्यम से अल्लापल्ली में गोंडवाना विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन की आधारशिला भी रखी।