नई दिल्ली: संसद के ऊपरी सदन राज्यसभा की कार्यवाही शुक्रवार, 13 दिसंबर को 16 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इस दौरान अविश्वास प्रस्ताव को लेकर राज्यसभा में जमकर हंगामा हुआ। कार्यवाही के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच तीखी बहस हुई, जिससे सदन का माहौल गर्मा गया।
धनखड़ और खड़गे के बीच तीखी बहस
राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “मैं किसान का बेटा हूं, झुकता नहीं हूं। विपक्ष ने संविधान की धज्जियां उड़ाई हैं। मैंने बहुत कुछ बर्दाश्त किया है, लेकिन मैं देश के लिए मर जाऊं, मिट जाऊं। मैं मल्लिकार्जुन खड़गे जी की इज्जत करता हूं और मैं हमेशा सम्मान देने में कोई कमी नहीं रखता। अगर आप मुझसे मिलना चाहते हैं, तो वक्त निकालकर मुझसे मिल सकते हैं।”
इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “आप किसान के बेटे हैं, तो मैं मजदूर का बेटा हूं। आप विपक्षी सांसदों का अपमान करते हैं। सदन चलाना सभापति की जिम्मेदारी है और आपको इसे परंपरा के अनुसार चलाना चाहिए। हम आपकी तारीफ सुनने के लिए सदन में नहीं आए हैं।”
संविधान पर चर्चा जारी
इसी बीच लोकसभा में संविधान को लेकर चर्चा जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने संविधान पर चर्चा की शुरुआत की और कहा, “संविधान केवल एक कानूनी दस्तावेज नहीं है, यह जनता को मौलिक अधिकार देता है। हमारा मंत्र ‘सबका साथ, सबका विकास’ है।”
राजनाथ सिंह ने संविधान के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि यह हमें समानता, स्वतंत्रता, और न्याय का अधिकार देता है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का संविधान दुनियाभर के संविधानों से अलग है, क्योंकि यह भारतीय समाज की विविधताओं को ध्यान में रखकर तैयार किया गया था।
लोकसभा और राज्यसभा में संविधान पर चर्चा
लोकसभा में संविधान पर चर्चा 13 और 14 दिसंबर को होगी, जबकि राज्यसभा में 16 और 17 दिसंबर को यह चर्चा जारी रहेगी। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस चर्चा के लिए अपने सांसदों को व्हिप जारी किया है, ताकि वे सदन में मौजूद रहें।
बीजेपी और कांग्रेस का व्हिप जारी
बीजेपी और कांग्रेस ने 13-14 दिसंबर को अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है। दोनों पार्टियों ने रणनीति बनाने के लिए गुरुवार को बैठक भी की थी। लोकसभा कार्यक्रम के अनुसार, सात मंत्री अपने-अपने विभागों से जुड़े कागजात पेश करेंगे और विभिन्न समितियां अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगी।
इस घटनाक्रम के बीच, सदन की कार्यवाही और संविधान पर चर्चा ने संसद का माहौल गरम कर दिया है, और यह राजनीतिक और संवैधानिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बन गया है।