ग्रामीण विकास मंत्रालय के अंतर्गत दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई एनआरएलएम) ने व्यक्तिगत वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिए नौ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और एक निजी बैंक के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। इन बैंकों में बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, केनरा बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक लिमिटेड शामिल हैं।
इन बैंकों ने डीएवाई-एनआरएलएम के अंतर्गत व्यक्तिगत महिला उद्यमियों के वित्तपोषण के लिए विशिष्ट ऋण योजना तैयार की है। इस योजना के तहत महिला उद्यमियों को अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए अपनी जरूरत के अनुसार ऋण प्राप्त करने में सहायता मिलेगी। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित लखपति दीदी बनाने के लक्ष्य की प्राप्ति के अनुरूप है।
ग्रामीण विकास सचिव श्री शैलेश कुमार सिंह ने बैंकों को सलाह दी कि वे इस अवसर का लाभ उठाकर महिला स्वयं सहायता समूहों की सदस्यों को बेहतर परिसंपत्तियों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी आर्थिक गतिविधियां शुरू करने के लिए वित्तपोषित करें। यह पहल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण साबित होगी और कई महिला स्वयं सहायता समूहों को इसका लाभ मिलेगा।
श्री चरणजीत सिंह, अतिरिक्त सचिव, ग्रामीण विकास ने कहा कि बैंकों द्वारा बनाई गई विशिष्ट ऋण योजनाओं की जानकारी शाखा अधिकारियों को होनी चाहिए ताकि ग्रामीण महिलाओं को शाखा स्तर पर वित्त प्राप्त करने में कठिनाई का सामना न करना पड़े।
डीएवाई एनआरएलएम ने कार्यक्रम के विकास के साथ स्वयं सहायता समूहों और बैंकों के सहयोग में तेजी से वृद्धि देखी है। मिशन की शुरुआत से अब तक बैंकों द्वारा स्वयं सहायता समूहों को 9.5 करोड़ रुपये से अधिक ऋण दिए गए हैं। व्यक्तिगत ऋण देने की यह पहल एक रणनीतिक बदलाव है, जो इस बात का संकेत है कि महिलाएं छोटे उद्यमों से आगे बढ़कर बड़े उद्यमों को विकसित करने की आकांक्षा रखती हैं।