समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क पर बिजली चोरी का आरोप, 1.91 करोड़ का जुर्माना

Samajwadi Party MP Zia ur Rehman Barq accused of electricity theft, fined Rs 1.91 crore

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जिया उर रहमान बर्क की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बिजली चोरी के आरोप में FIR दर्ज होने के बाद अब इलेक्ट्रिसिटी विभाग ने उन पर 1.91 करोड़ रुपये का भारी जुर्माना लगाया है। विभाग का कहना है कि गुरुवार (19 दिसंबर) को जिया उर रहमान बर्क के घर की जांच के दौरान बिजली के मीटरों से छेड़छाड़ के प्रमाण मिले, जिसके बाद उनके घर की बिजली काट दी गई।

क्या है आरोप?
समाजवादी पार्टी के सांसद जिया उर रहमान बर्क जिला बिजली समिति के अध्यक्ष भी हैं। उनके खिलाफ बिजली चोरी निरोधक अधिनियम की धारा 135 के तहत FIR दर्ज की गई है। उप मंडल अधिकारी (SDO) संतोष त्रिपाठी ने India Today से बात करते हुए आरोपों की पुष्टि की और कहा, “बिजली के लोड की गणना की जा रही है।”

घर की बिजली मीटरों से छेड़छाड़
संतोष त्रिपाठी के अनुसार, “सांसद दीपा सराय इलाके में तीन मंजिला घर में रहते हैं। जब संपत्ति का निरीक्षण किया गया, तो हमें केवल दो 2KW क्षमता वाले बिजली के मीटर मिले, जबकि उस आकार के घर में पंखे, एयर कंडीशनर और अन्य उपकरणों के संचालन के लिए आमतौर पर 8 से 10 किलोवाट की आवश्यकता होती है। हमने दोनों मीटर हटा दिए हैं और सांसद को नोटिस जारी किया है।”

6 महीने से मीटर में शून्य रीडिंग
बिजली विभाग का कहना है कि जिया उर रहमान के नाम पर रजिस्टर्ड मीटर में पिछले 6 महीनों से शून्य रीडिंग आ रही थी। संतोष त्रिपाठी ने कहा, “इस साल जुलाई से अब तक, मीटर की रीडिंग कभी भी 100 यूनिट से अधिक नहीं रही, जबकि घर में बिजली के कई उपकरण चल रहे थे। ऐसे में शून्य रीडिंग अविश्वसनीय है।”

सांसद पर मस्जिद हिंसा मामले में भी मुकदमा
यह घटना जिया उर रहमान बर्क की कानूनी परेशानियों को और बढ़ा रही है। हाल ही में उन्हें संभल में एक मस्जिद सर्वेक्षण को लेकर हुई हिंसा में मुख्य आरोपी बनाया गया था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी। उत्तर प्रदेश पुलिस ने आरोप लगाया कि बर्क ने राजनीतिक लाभ के लिए अपने भाषणों के माध्यम से भीड़ को उकसाया। हालांकि, बर्क और उनकी पार्टी ने इन आरोपों को नकारते हुए भाजपा पर अशांति भड़काने का आरोप लगाया है।

सांसद जिया उर रहमान बर्क ने 18 दिसंबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने और हिंसा से संबंधित प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की है।

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