लखनऊ: उत्तर प्रदेश ने महिलाओं के हित में एक बड़ा और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। शुक्रवार (20 दिसंबर) को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया कि प्रदेश सरकार घरेलू हिंसा से पीड़ित और आपदाग्रस्त महिलाओं के पुनर्वासन और मुख्य धारा में शामिल करने के लिए राज्यभर में “शक्ति सदन” का संचालन शुरू कर रही है।
प्रदेश के 10 जिलों में शुरू होने वाले इस प्रोजेक्ट के तहत महिलाओं को उनके बुनियादी अधिकारों के साथ-साथ पुनर्वास की सुविधा भी दी जाएगी, ताकि वे समाज की मुख्य धारा से जुड़ सकें।
भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित मिशन शक्ति की उप योजना “सामर्थ्य” के अंतर्गत योगी सरकार यह “शक्ति सदन” संचालित करेगी। इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश के 10 जिलों में शक्ति सदन के संचालन को स्वीकृति दी जा चुकी है। इन जिलों में महिलाओं और बेटियों के लिए बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ समाज में उनका पुनः स्थान सुनिश्चित किया जाएगा।
नियुक्त जिलों की सूची और सुविधाएं:
शक्ति सदन का संचालन प्रदेश के निम्नलिखित 10 जिलों में किया जाएगा:
1.वाराणसी
2.अलीगढ़
3.आजमगढ़
4.कानपुर नगर
5.चित्रकूट
6.झांसी
7.गोण्डा
8.बस्ती
9.मिर्जापुर
10.सहारनपुर
इन जिलों में 50 महिलाओं के रहने की क्षमता वाले आवासीय भवनों का चयन किया जाएगा, जिन्हें किराए पर लिया जाएगा। इन भवनों में आश्रय, भोजन, कपड़े, प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
इसके अलावा, शक्ति सदन के सुचारू संचालन के लिए सेवा प्रदाता के माध्यम से 9 कर्मचारियों का चयन भी जल्द किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस पहल को महिलाओं के अधिकारों और उनके पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया है, जिससे उन्हें समाज में पुनः एक जगह मिल सकेगी।