बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति राज कुंद्रा ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा जारी बेदखली नोटिस को चुनौती देते हुए बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। यह नोटिस धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनकी पुणे स्थित संपत्ति की अनंतिम कुर्की के बाद जारी किया गया है। नोटिस में दंपति को पवना बांध के पास स्थित अपने बंगले को खाली करने का निर्देश दिया गया है।
इस मामले की सुनवाई जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और पीके चव्हाण की पीठ द्वारा 10 अक्टूबर को की जाएगी।
क्या है मामला
यह मामला 2018 का है, जब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के सिलसिले में अमित भारद्वाज की जांच शुरू की थी। हालांकि, न तो शेट्टी और न ही कुंद्रा को इस मामले में आरोपी बनाया गया था। फिर भी, अप्रैल 2024 में, ईडी ने उनकी संपत्तियों को अस्थायी रूप से जब्त कर लिया, जिसमें उनका आवास भी शामिल था, जिसे कुंद्रा के पिता ने 2009 में खरीदा था।
दंपति का दावा
शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा का कहना है कि वे जांच में लगातार सहयोग कर रहे हैं। कुंद्रा व्यक्तिगत रूप से कई समन में उपस्थित हुए, जबकि शिल्पा शेट्टी ने अपने अधिकृत प्रतिनिधि के माध्यम से आवश्यक दस्तावेज जमा किए। इसके बावजूद, 18 सितंबर, 2024 को ईडी ने उनकी संपत्तियों की अनंतिम कुर्की की पुष्टि कर दी।
दंपति ने तर्क दिया कि 3 अक्टूबर, 2024 को उन्हें बेदखली नोटिस मिला, जिसमें उनसे संपत्ति खाली करने को कहा गया। उन्होंने इस नोटिस को “मनमाना” बताते हुए कहा कि यह उनके अपील के अधिकार को कमजोर करता है।
उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का भी हवाला दिया, जिसमें दोषसिद्धि से पहले बेदखली पर रोक का प्रावधान है।
यह याचिका अधिवक्ताओं प्रशांत पाटिल, स्वप्निल अम्बुरे, निदा खान और पूर्वा जोशी के माध्यम से दायर की गई है।