नई दिल्ली: शल्य चिकित्सक वाइस एडमिरल आरती सरीन ने आज सशस्त्र सेना चिकित्सा सेवा (डीजीएएफएमएस) की महानिदेशक का पदभार संभाल लिया है। वह यह पदभार संभालने वाली पहली महिला अधिकारी हैं। डीजीएएफएमएस, सशस्त्र बलों से सम्बंधित समग्र चिकित्सा नीति मामलों के लिए सीधे रक्षा मंत्रालय के प्रति उत्तरदायी है।
46 वें डीजीएएफएमएस के रूप में पदभार संभालने से पहले, फ्लैग ऑफिसर ने डीजी मेडिकल सर्विसेज (नौसेना), डीजी मेडिकल सर्विसेज (वायु) और पुणे स्थित सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (एएफएमसी) के निदेशक और कमांडेंट के प्रतिष्ठित पदों पर कार्य किया। वह एएफएमसी, पुणे की पूर्व छात्रा हैं और उन्होंने दिसंबर 1985 में सशस्त्र बल चिकित्सा सेवाओं में कार्यभार संभाला था। वह एएफएमसी, पुणे से रेडियोडायग्नोसिस में एमडी हैं और मुंबई के टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल से रेडिएशन ऑन्कोलॉजी में डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड होने के साथ ही उन्होंने पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय से गामा नाइफ सर्जरी में प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है।
अपने 38 वर्षों के कार्यकाल में फ्लैग ऑफिसर ने प्रोफेसर और प्रमुख, रेडिएशन ऑन्कोलॉजी, आर्मी हॉस्पिटल (आर एंड आर) और कमांड हॉस्पिटल (दक्षिणी कमान)/एएफएमसी पुणे, कमांडिंग ऑफिसर, आईएनएचएस अश्विनी, दक्षिणी और पश्चिमी नौसेना कमान में कमांड मेडिकल ऑफिसर सहित विभिन्न प्रतिष्ठित शैक्षणिक और प्रशासनिक पदों पर कार्य किया है।