कायस्थों के आराध्य देव हैं भगवान चित्रगुप्त

डा. नम्रता आनंद पटना, 06 अप्रैल पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सृष्टि के रचयिता भगवान बह्मा ने एक बार सूर्य के समान अपने ज्येष्ठ पुत्र को बुलाकर कहा कि वह किसी विशेष प्रयोजन से समाधिस्थ हो रहे हैं और इस दौरान वह यत्नपूर्वक सृष्टि की रक्षा करें। इसके बाद बह्माजी ने 11 हजार वर्ष की समाधि ले ली। जब उनकी समाधि टूटी तो उन्होंने देखा कि उनके सामने एक दिव्य पुरूष कलम-दवात लिए खड़ा है।बह्माजी ने उसका परिचय पूछा तो वह बोला, ”मैं आप के शरीर से ही उत्पन्न हुआ हूं।…

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