सीरिया: सीरिया में असद सरकार के अंत के साथ ही एक नई ताकत का उदय हुआ है, जिसे हयात तहरीर अल-शाम (Hayat Tahrir al-Sham) के नाम से जाना जाता है। इस इस्लामी समूह को असद सरकार के खिलाफ तख्तापलट के पीछे की प्रमुख ताकत माना जा रहा है। इसे ब्रिटेन समेत कई देशों में आतंकी संगठन माना जाता है और यह प्रतिबंधित भी है। हयात तहरीर अल-शाम को एचटीएस के नाम से भी जाना जाता है।
एचटीएस का नेता अल जुलानी
अबु मुहम्मद अल जुलानी को एचटीएस का नेता माना जाता है। जब असद सरकार के नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह के कारण असद भागने लगे, तब अल जुलानी ने ऐलान किया, “भविष्य हमारा है।” मुहम्मद अल जुलानी को अब दमिश्क में एक लीडर-इन-वेटिंग की तरह देखा जा रहा है, जो सीरिया के भविष्य की दिशा तय कर सकता है।
अलकायदा और आईएस से कनेक्शन
42 वर्षीय अल जुलानी एक सीरियाई नागरिक हैं, जिनका जन्म सऊदी अरब के रियाद में हुआ था। 2003 में, इराक पर पश्चिमी सहयोगियों की विजय के बाद, वह अमेरिकियों को खदेड़ने के लिए चरमपंथी समूहों में शामिल हो गए थे। उन्होंने इराक में अलकायदा से जुड़कर आतंकवाद की राह अपनाई, जिसके बाद वह आईएसआईएस (IS) के नेतृत्व में शामिल हो गए। 2011 में, जब सीरिया में विद्रोह शुरू हुआ, तो अलकायदा के नेता अबू बकर अल-बगदादी ने उन्हें सीरिया में भेज दिया। हालांकि, बाद में अल जुलानी ने बगदादी के आदेशों को मानने से इंकार कर दिया और अपनी राह अलग बनाई।
10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम
मुहम्मद अल जुलानी के सिर पर 10 मिलियन अमेरिकी डॉलर का इनाम रखा गया है। वह एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी के रूप में नामित किए गए हैं। हालांकि, सीरिया में असद सरकार के खिलाफ हुए तख्तापलट के बाद अल जुलानी ने अपनी छवि को सुधारने के प्रयास किए हैं। उन्होंने अपनी पगड़ी उतार दी और अब ब्लेजर पहनकर इंटरव्यू देते हुए नजर आ रहे हैं।
खुद को उदारवादी ताकत के रूप में पेश करना
एचटीएस कभी ओसामा बिन लादेन और अलकायदा के समर्थन से जन्मा था, लेकिन अब उनका दावा है कि वे एक उदारवादी ताकत हैं। वे कहते हैं कि उनका लक्ष्य सिर्फ कट्टरपंथी इस्लामवादियों के लिए नहीं, बल्कि सभी सीरियाई नागरिकों की भलाई के लिए सत्ता की तलाश करना है। एचटीएस ने अपने आप को एक ऐसे समूह के रूप में पेश किया है जो देश में शांति और सुधार लाने की दिशा में काम कर रहा है।