नई दिल्ली: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (EVM) भारतीय राजनीति में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई हैं। कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों द्वारा ईवीएम की विश्वसनीयता पर उठाए गए सवालों के बाद, तृणमूल कांग्रेस (TMC) और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने इस पर विरोध जताया है। टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जो लोग ईवीएम पर सवाल उठा रहे हैं, उन्हें यह साबित करना चाहिए कि मशीनें कैसे ‘हैक’ की जा सकती हैं।
अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मेरा मानना है कि ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को चुनाव आयोग के पास जाना चाहिए और अगर उनके पास कोई सबूत है तो उन्हें दिखाना चाहिए। अगर ईवीएम की रैंडमाइजेशन, मॉक पोल और गिनती के दौरान उचित जांच की जाती है, तो मुझे नहीं लगता कि इन आरोपों में कोई दम है। अगर कोई अभी भी मानता है कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है, तो उन्हें चुनाव आयोग को इसके बारे में दिखाना चाहिए।”
कांग्रेस पर तृणमूल का कटाक्ष
यह बयान तब आया है जब इंडिया गठबंधन के दो प्रमुख सहयोगियों, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच विभिन्न मुद्दों पर मतभेद गहरे हो गए हैं। खासकर गौतम अडानी घोटाले के मुद्दे पर संसद में कांग्रेस के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन में तृणमूल कांग्रेस शामिल नहीं हुई थी। इसके साथ ही ममता बनर्जी द्वारा विपक्षी गठबंधन का नेतृत्व करने की इच्छाशक्ति के कारण गठबंधन में नेतृत्व की खींचतान भी बढ़ी है, जिससे संबंधों में और दरार आ गई है।
उमर अब्दुल्ला का कांग्रेस पर हमला
जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) के नेता उमर अब्दुल्ला ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “मशीनें तभी समस्या नहीं हो सकतीं जब आप चुनाव हारते हैं।” अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस, इंडिया ब्लॉक का हिस्सा है और जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस के साथ गठबंधन में कार्यरत है।
इस प्रकार, ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर कांग्रेस के सवालों पर तृणमूल कांग्रेस और उमर अब्दुल्ला ने अपने बयान दिए हैं, जिससे भारतीय विपक्षी राजनीति में एक नया विवाद उभर कर सामने आया है।