नई दिल्ली.मातृशक्ति को सम्मान देने की गोरक्षपीठ की अपनी खास परंपरा है. मुख्यमंत्री बनने के बाद गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ इस परंपरा को नारी सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन की योजनाओं के माध्यमों से पूरे प्रदेश में आगे बढ़ा रहे हैं.
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर गोरखनाथ मंदिर में मातृशक्ति के सम्मान से जुड़ा हृदय को झंकृत कर देने वाला दृश्य भी तब नजर आया, जब योगी ने मातृशक्ति को गुरुशक्ति सदृश प्रतिष्ठित किया. उनसे आशीर्वाद लेने गए जुड़वा भाई-बहन को उन्होंने स्नेह और आशीष तो दिया ही भाई को संस्कार की यह दीक्षा भी दी कि बहन का गुरु की भांति ही सम्मान करो. उन्होंने भाई से बहन के पांव स्पर्श कराए और आशीर्वाद दिलाया. गुरु पूर्णिमा पर गोरक्षपीठ में शीश नवाने तथा गोरक्षपीठाधीश्वर का आशीर्वाद लेने नई दिल्ली से रजत अरोड़ा अपनी पत्नी मेघा और जुड़वा बच्चों, बेटी आद्या व बेटा अभव के साथ आए हुए थे. सोमवार को परिवार की मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ से मुलाकात हुई.
योगी ने सबको आशीर्वाद तो दिया ही जुड़वा भाई-बहन पर खूब स्नेह भी लुटाया. उन्होंने भाई अभव से प्यार से पूछा, बहन को सम्मान देते हो. उसने हां कहते हुए सिर हिलाया. इस पर सीएम ने कहा कि आज गुरु पूर्णिमा है. बहन को भी गुरु जैसा मानो और पांव छूकर आशीर्वाद लो. अभव ने ऐसा ही किया. उसने बहन आद्या के पांव छूकर हाथ माथे पर लगा लिया. बच्चों के इस स्नेह पर योगी भी मोहित हो गए और दोनों को खूब प्यार व आशीष से सिंचित किया.
इसके पहले गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर सोमवार को गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शिवावतार गुरु गोरक्षनाथ एवं नाथपंथ के गुरुजन की विशिष्ट पूजा की. साथ ही मंदिर की गोशाला में गोवंश की सेवा कर उन्हें गुड़ खिलाया. गोरखनाथ मंदिर में गुरु पूर्णिमा पूजन का अनुष्ठान सुबह 5 से 7 बजे तक चला.
सामूहिक आरती के साथ अनुष्ठान की पूर्णता हुई. गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सीएम योगी ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच सभी गुरुओं और मंदिर परिसर में मौजूद सभी देव विग्रहों के समक्ष-विधि विधान के साथ पूजन किया. साथ ही देशवासियों को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनाएं दीं.
सोमवार को मुख्यमंत्री ने सबसे पहले नाथपंथ के आदिगुरु भगवान गोरखनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच उनकी पूजा की. वह परिसर में मौजूद सभी देव-विग्रहों के पास पहुंचे और उनका पूजन किया. उसके बाद वह बारी-बारी से बाबा गंभीरनाथ, अपने दादागुरु ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ समेत ब्रह्मलीन गुरुओं की समाधि पर गए. सभी का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर आशीर्वाद लिया.
गोरखनाथ मंदिर में नाथपंथ की विशिष्ट परंपरा के अनुसार मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने गुरु गोरखनाथ को रोट का महाप्रसाद अर्पित किया. पूजा-अर्चना की आनुष्ठानिक प्रक्रिया संपन्न होने के बाद गुरु पूर्णिमा पर होने वाली परंपरागत सामूहिक महाआरती हुई तथा सभी गुरुओं के प्रति आस्था निवेदित की गई. इस अवसर पर सभी नाथ योगियों ने भी गोरक्षपीठाधीश्वर का नाथ परंपरानुसार आशीर्वाद लिया.